रीवा।भारत ने स्पेस में इतिहास रच दिया है. चांद की दक्षिणी सतह पर उतरने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है. ऐसे में पूरी दुनिया ISRO के वैज्ञानिकों को सरहा रही है. मध्यप्रदेश को गर्व करने का मौका भी चंद्रयान-3 की सफलता ने दिया है. इस मिशन से प्रदेश के तरूण सिंह जुड़े हैं. तरुण विंध्याचल के रीवा जिले के रहने वाले हैं, और बतौर सीनियर साइंटिस्ट ISRO में अपनी भूमिका निभा रहे हैं. आइए जानते हैं, तरुण सिंह से जुड़े फैक्ट्स...
बड़े भाई ने की परवरिश: ISRO में पदस्थ रीवा के तरुण एक छोटे से गांव इटौरा गढ़ के रहने वाले हैं. यहीं उन्होंने अपना बचपन बिताया था. तरुण सिंह के पिता का नाम दिलराज सिंह हैं, वह एक शिक्षक थे. 8 भाईयों में 7वें नंबर के विंध्य के इस बेटे की परवरिश उनके बड़े भाई विनोद सिंह ने की, विनोद भी पेशे से शिक्षक हैं. तरुण की शुरुआती शिक्षा गांव में हुई, इसके बाद 12वीं तक की पढ़ाई करने के लिए रीवा के सैनिक स्कूल में चले गए. इसके बाद उन्होंने SGSITS से मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इजीनियरिंग करने के बाद तरुण फिर ISRO से जुड़ गए.