रीवा। रीवा जिले के फरैदा गांव में उस वक्त मातम पसर गया, जब सेना की तरफ से फोन आया कि, गांव का बेटा चीन के द्वारा किए गए हमले में शहीद हो गया है. दरअसल मंगलवार की रात लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के हमले में रीवा का लाल दीपक सिंह शहीद हो गया. देर रात सेना के अधिकारियों ने दीपक सिंह के शहीद होने की सूचना पिता को फोन पर दी. दीपक 21 साल के थे, 8 महीने पहले ही उनकी शादी हुई थी.
मंगलवार की वो काली रात
मंगलवार की रात करीब 10 बजे शहीद जवान के पिता गजराज सिंह के मोबाइल पर शहादत की सूचना आई, इस फोन के बाद पूरा परिवार टूटकर बिखर गया. किसी को नहीं पता था कि, इस घर का 'दीपक' ऐसे अचानक बुझ जाएगा. दीपक सिंह अपनी छुट्टी खत्म करके 14 फरवरी को ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए गए थे. करीब 12 दिन पहले अपने भाई सचिन सिंह से बात करते हुए उन्होंने लॉकडाउन के बाद घर आने की जानकारी दी थी.
30 नवंबर को हुई थी शादी
शहीद जवान दीपक सिंह की शादी 30 नवंबर को रीवा के जोगनिहाई गांव में रहने वाली रेखा सिंह के साथ हुई थी. दीपक सिंह दो भाई थे, उनके बड़े भाई प्रकाश सिंह भी सेना के जवान हैं. इस घटना के बाद से पूरा परिवार एक बड़े सदमे से गुजर रहा है. शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए, उनके घर में अलग-अलग राजनीतिक दलों के पदाधिकारी भी पहुंच रहे हैं. किसी को नहीं पता था कि, दीपक आखिरी बार अपने घर पहुंचे हैं, अगली बार दीपक शहीद होकर तिरंगे में लिपटकर घर वापस लौटेंगा. दिल भारी है, लेकिन बेटे ने सिर सम्मान से ऊंचा कर दिया. परिजनों के मुताबिक दीपक के पार्थिव शरीर को लेह में रखा गया है. उसे गुरुवार को रीवा लाया जाएगा. लेह से उसे उनके गांव फरैदा ले जाया जाएगा. जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा. दीपक अपने बड़े भाई प्रकाश सिंह से प्रेरित होकर सेना में भर्ती हुए थे.