रीवा। मध्यप्रदेश में बच्चों का गुम होना अब एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है. मासूम बच्चों के गुमशुदा होने के मामले में मध्यप्रदेश तीसरे नंबर पर है. जहां 6 हजार 981 बच्चे अब भी लापता हैं और जिसमें से 5 हजार 735 लड़कियां शामिल हैं. हालांकि इसी साल 2020 में सितंबर माह के दौरान पुलिस मुख्यालय द्वारा समूचे प्रदेश में अभियान चलाया गया था, जिसमें करीब हजार गुमशुदा बच्चों को खोजने में पुलिस को सफलता मिली. एक बार फिर पुलिस मुख्यालय प्रदेश के 8 जिलों को चिन्हित कर विशेष अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है, जिसमें इंदौर, सागर, धार, सतना और रीवा शामिल है.
प्रदेश में बच्चों के गुमशुदगी के आंकड़े बेहद चौकाने वाले हैं. इसमें अगर रीवा जिले की बात की जाए तो वर्ष 2019 और 20 के दरम्यान 467 बच्चे गुम हुए हैं, जिसमें से 134 अब भी लापता है, गायब बच्चों में 99 बच्चियां शामिल है. हालांकि पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर प्रदेश भर में अभियान चलाकर सितंबर माह के दौरान करीब एक हजार लापता बच्चों को बरामद कर वापस उन्हें घर छोड़ा गया था.
साल 2019-20 में रीवा जिले के लापता बच्चों के आंकड़े
- एक साल में कुल लापता बच्चों की संख्या-467
- लापता बच्चों में से वापस मिले बच्चे-333
- अभी भी लापता बच्चों की संख्या-134
- लापता बच्चों में 99 बच्चियां हैं शामिल
बच्चों के परिजन का है बुरा हाल
बीते अक्टूबर माह की बात की जाए तो रीवा जिले के चोरहटा थाना स्थित कंजी गांव से दो मासूम लापता हुए थे, जिनका अब तक कोई सुराग नही लग पाया है, इनकी तलाश में उनके परिजनों ने दिन-रात एक कर दिया. रीवा से करीब 20 किलोमीटर दूर कंजी गांव से पिछले माह 19 अक्टूबर को 10 वर्षीय अमन पाण्डेय अपने 16 वर्षीय भाई विशेष मिश्रा के साथ अचानक लापता हो गया. परिजनों द्वारा काफी खोजबीन किए जाने के बाद भी दोनों बच्चों की अब तक कोई जानकारी नहीं मिली. परिजनों द्वारा बच्चों की गुमशुदगी की रिपोर्ट चोरहटा थाने में दर्ज कराई गई थी जिसमें पुलिस ने बच्चों के खोजे जाने का आश्वासन दिया था और अब तक उसी आश्वासन को लेकर बच्चों के परिजन आस लगाए बैठे हैं की पुलिस की मदद से दोनों जिगर के टुकड़े जल्द वापस आएंगे.