रीवा। जिले के गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन में पिछले 6 माह से से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत किसानों ने सोमवार को रेल रोको आंदोलन का आगाज कर दिया. गोविंदगढ़ से आए सैकड़ों किसान दिल्ली आनंद बिहार ट्रेन को रोकने रीवा रेलवे स्टेशन की ओर जाने लगे. किसानों को रोकने के लिए कॉलेज चौराहे में भारी पुलिस बल तैनात कर दी गई. इसके बाद किसान कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे, लेकिन वहां पर मौजूद पुलिस बल ने उनका रास्ता रोक लिया. घंटों तक चले हंगामे के बाद किसान ट्रेन रोकने रेलवे स्टेशन नहीं पहुंच पाए और पुलिस ने आंदोलनकारियों को कलेक्ट्रेट कार्यालय से ही वापस लौटा दिया.
रेलवे ने किसानों के साथ की वादाखिलाफीःआंदोलन कर रहे हैं किसानों का कहना था कि, ''रेलवे के द्वारा कई किसानों के साथ वादा खिलाफी की गई है. ललितपुर सिंगरौली रेल परियोजना में गोविन्दगढ़ के किसानों की जमीनें अधिग्रहण की गई. इसके बदले रेलवे ने मुआवजे के साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का भी वादा किया था. शुरुआती दौर पर रेलवे ने कई लोगों को नौकरी दी, लेकिन बाद में नियमों में बदलाव करते हुए रेलवे ने नौकरी देना बंद कर दिया. ऐसे में में कई किसान बेरोजगारी के कगार आ गए.
ट्रेन रोकने रेलवे स्टेशन जा रहे थे सैकड़ों किसानः किसानों ने जिला प्रशासन को अवगत कराते हुए सोमवार को रीवा रेलवे स्टेशन पहुंचकर दिल्ली आनंद बिहार ट्रेन रोकने की बात कही थी. किसान ट्रेन रोकने स्टेशन पहुंचते इससे पहले ही चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनात कर दी गई. कलेक्ट्रेट कार्यालय समेत रेलवे स्टेशन में भारी बल तैनात कर दिया गया. लगभग 200 किसान स्वामी विवेकानंद पार्क में एकत्रित हुए और कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे, जहां पर तैनात पुलिस फोर्स ने किसानों को रास्ता रोक लिया और वह रेलवे स्टेशन तक पहुंच पाने में असफल रहे. हालांकि मौके पर उपस्थित रेलवे एडीआरएम ने आंदोलनरत किसानों को आश्वासन भी दिया गया.