रीवा।74 वें गणतंत्र दिवस समारोह पर देशभर में जगह जगह हर्षोल्लास के साथ लोग खुशियां मना रहे हैं. ऐसे में हर वर्ष की तरह केंद्रीय जेल रीवा से इस वर्ष भी 15 कैदियों की रिहाई की गई. जिसके बाद वह खुशी-खुशी अपने घर के लिए रवाना हो गए. गणतंत्र दिवस के अवसर पर केंद्रीय जेल रीवा से 15 कैदियों की रिहाई हुई. इसके बाद जेल प्रबंधन ने कैदियों के जिलों में कलेक्टर और सीईओ को पत्र लिखकर उनके जीवन यापन करने की व्यवस्था कराई.
अच्छे आचरण के चलते मिली रिहाई:बताया जा रहा है कि, जेल में अच्छा स्वभाव रखने वाले कैदियों को हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर जेल से रिहा किया जाता है. ऐसे में इस वर्ष भी 15 कैदियों की रिहाई हुई है. जेल से बाहर आने के साथ ही कैदियों के मन में उत्साह दिखा और कुछ अच्छा कर दिखाने की भावना लेकर बंदी जेल से रिहा हुए तथा अपने अपने घर के लिए रवाना हो गए.
ये कैदी हुए रिहा:
- हनुमान गुप्ता पुत्र काशी प्रसाद गुप्ता निवासी गंगेव जिला रीवा
- विनोद कुमार पुत्र सूर्यबली प्रसाद मिश्रा निवासी करौंदहा जिला रीवा
- जगत सिंह पुत्र तुलाराम निवासी ऊपर टोला देवरी जिला अनूपपुर
- दिलीप सिंह पुत्र मूरत सिंह निवासी बजवास जिला शहडोल
- आनंद बहादुर सिंह पुत्र विजय भान सिंह निवासी पाठा जिला सीधी
- राममिलन सिंह पुत्र राम सिंह गोड़ निवासी बसना जिला सिंगरौली
- रामाधार उर्फ दद्दी काछी पुत्र दुलारे काछी निवासी जमुआ जिला सीधी
- सोमेश्वर सिंह पुत्र चंद्रभान सिंह बघेल निवासी सरदा जिला सीधी
- हरी लाल साहू पुत्र देवीदीन साहू निवासी नौढिया जिला शहडोल
- बुद्धसेन लोनिया पुत्र श्यामलाल निवासी गुजरेड जिला सीधी
- देवराज पटेल पुत्र रामावतार पटेल निवासी बरसैता जिला रीवा
- गुड्डू उर्फ पिंटू साहू पुत्र रंगलाल निवासी लंघाडोल जिला सिंगरौली
- भानू उर्फ रामपाल पुत्र पोलो उर्फ जीवन यादव निवासी जिला उमरिया
- पोसई पुत्र सम्हारू चौधरी निवासी पयारी जिला अनूपपुर
- श्यामसुंदर बैगा पुत्र रामनाथ बैगा निवासी गोइदवार जिला सीधी
जेल से 15 कैदी रिहा:बताया गया कि, आजीवन कारावास की सजा से दंडित उन कैदियों को गणतंत्र दिवस पर रिहा किया जाता है. जिन्होंने सूखी सजा के 14 साल और माफी मिलाकर 20 साल का कारावास भुगत लिया है. इस संबंध में केन्द्रीय जेल से मिली जानकारी के मुताबिक शासन ने रिहाई के लिए जो मापदण्ड निर्धारित किया था. उसके अंतर्गत जेल के 15 कैदी आ रहे हैं. जिनका प्रस्ताव जेल मुख्यालय भेजा गया था.