मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

महामृत्युंजय शिव के दर्शन मात्र से दूर होते हैं भक्तों के कष्ट, सदियों पुराना है ये मंदिर - rewa

रीवा के किला परिसर में स्थित महामृत्युंजय मंदिर में महाशिवरात्रि की तैयारियां पूरी हो गई है. महामृत्युंजय शिव का ये मंदिर अपने आप में खास है. जानिए इस मंदिर की पूरी कहानी.

preparations-for-mahashivratri-at-mahamrityunjaya-shiva-temple-in-rewa
महामृत्युंजय शिव

By

Published : Feb 20, 2020, 9:15 PM IST

Updated : Feb 20, 2020, 10:42 PM IST

रीवा। देवों के देव महादेव के अनेकों रूप हैं, उन्हीं में से एक रूप है महामृत्युंजय. जो शिव के इस रूप की आराधना करता है, उसकी सारी विपदा दूर हो जाती है. स्वयंभू महामृत्युंजय शिव रीवा रियासत के किले में विराजमान हैं और सदियों से अपने भक्तों पर कृपा बनाए हुए हैं. वैसे तो हर समय यहां शिव भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन महाशिवरात्रि के दिन इस पवित्र स्थान का महत्व और खास हो जाता है.

महामृत्युंजय शिव

इस शिवलिंग की बनावट अपने आप में अद्भुत है, एक हजार एक छिद्र वाला ये शिवलिंग पूरे विश्व में इकलौता है. इस शिवलिंग का वर्णन शिव पुराण में भी मिलता है. लोग बताते हैं कि ये शिवलिंग जंगल में एक चबूतरे के नीचे दबा था, जिसकी महिमा ऐसी थी कि, इस चबूतरे पर यदि हिरण बैठ जाए तो शेर भी उसका शिकार नहीं कर सकता था.

भगवान महामृत्युंजय की शक्ति को बघेल वंश के 22वें राजा विक्रमादित्य सिंह ने शिकार के समय खुद देखा था. जिसके बाद उन्होंने यहां मंदिर का निर्माण करवाया, बाद में जिसके चारों तरफ किले का निर्माण करा दिया गया.

कहा जाता है कि महामृत्युजंय मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु को टाला जा सकता है, तो साक्षात भगवान शिव के महामृत्युंजय रूप का दर्शन कर मौत को मात दी जा सकती है, यही वजह है कि, महाशिवरात्रि पर भक्त भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि एवं दीर्घायु की कामना करते हैं.

Last Updated : Feb 20, 2020, 10:42 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details