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MP Seat Scan Mangawan: इस सीट पर कभी था कांग्रेस का दबदबा, श्रीनिवास तिवारी ने मारी थी हैट्रिक, अब बीजेपी का चलता है इक्का

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 2, 2023, 2:01 PM IST

Updated : Oct 2, 2023, 3:02 PM IST

मध्यप्रदेश की मनगवां विधानसभा सीट, जहां पर कभी कांग्रेस का दबदबा रहा था, अब वो सीट बीजेपी के खाते में है. ऐसे में ETV Bharat इस सीट के बारे में जानकारी साझा कर रहा है. आइए जानते हैं.

MP Seat Scan Mangawan
मनगवां सीट स्कैन

रीवा। मध्यप्रदेश में जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने वाले है. आप सभी को "ETV BHARAT" एक एक करके प्रदेश की सभी 230 सीटो का बारीकी से विश्लेषण कर आप को जानकारी उपलब्ध करा रहा है. आज हम बात करेंगे विंध्य के रीवा जिले की सबसे अहम मनगवां विधानासभा सीट के बारे में.

मनगवां में मतदाता

इस बार जनता ने बनाया विकास को अपना मुद्दा:मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं जिसके लिए नेतागण चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. सभी पार्टियों के कद्दावर नेताओ ने घोषित किए गए. प्रत्याशियो के पक्ष में चुनावी प्रचार प्रसार करना भी शुरु कर दिया है. वहीं, अब जनता भी अपनी समस्याओं पर नेताओं से चर्चा करेंगी और रीवा की सभी आठ विधानसभा सीटों में इस बार विकास को अपना मुद्दा बनाया है.

मनगवां की खासियत

मनगवां का राजनीतिक समीकरण:यह सीट समूचे प्रदेश में भाजपा समेत तमाम राजनीतिक दलों के लिए बेहद खास मानी जाती रही है. 90 के दशक में यहां पर सफेद शेर के नाम से मशहूर और कांग्रेस के कद्दावर नेता पंडित श्रीनिवास तिवारी का वर्चस्व कायम था. लेकिन 2003 में BJP से टिकट लेकर गिरीश गौतम ने इस सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर यहां से कांग्रेस का वर्चस्व ही खत्म कर दिया. वर्तमान में इस सीट से भाजपा विधायक पंचुलाल प्रजापति है.

1990 से लेकर 2018 तक हुए विधानसभा चुनावों की अगर बात की जाए तो इस मनगवां विधानसभा सीट में लागातार तीन बार कांग्रेस का कब्जा रहा. इसके बाद दो बार यह सीट BJP के खाते में आई. लेकिन एक बार इस सीट पर BSP ने सेंधमारी कर दी, बाद में एक बार फिर बीजेपी ने जीत हासिल की. साल 1990 में सफेद शेर के नाम से मशहूर पंडित श्रीनिवास तिवारी को कांग्रेस ने टिकट देकर चुनावी मैदान पर उतारा. इसके बाद उन्होंने 26532 वोट हासिल हुए जबकि BSP प्रत्यासी रामसुशील पटेल को 24471 वोट प्राप्त हुए और श्रीनिवास तिवारी 2061 वोटो से विजयी हुए.

मनगवां का 2018 का परिणाम

1993 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर पंडित श्रीनिवास तिवारी कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़े और इस बार उन्होंने 22987 वोट प्राप्त किए. BJP प्रत्यासी कौशल प्रसाद मिश्रा को 21358 वोट हासिल हुए और श्रीनिवास तिवारी 1629 वोटो से जीत हसिल कर विधायक की कुर्सी पर विराजमान हुए. 1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्यासी पंडित श्रीनिवास तिवारी ने लगातार तीसरी बार जीत हसिल की और उन्हें 38075 वोट हसिल हुए. जबकि CPI कैंडिडेट गिरिश को 37781 मत प्राप्त हुए और मात्र 294 वोटो से विजयी हुए. पंडित श्रीनिवास तिवारी एक बार फिर मनगवां विधानसभा से विधायक चुने गए.

मनगवां के स्थानीय मुद्दे
2003 के विधानसभा चुनाव में गिरिश गौतम बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़े. इस बार यहां का चुनाव काफी दिलचस्प हुआ और बड़े अंतर से यहां पर नतीजे घोषित हुए. कांग्रेस के कद्दावर नेता पंडित श्रीनिवास तिवारी को गिरिश गौतम ने करारी सिखस्त दी और उन्हे 55751 हसिल हुए. जबकि, पण्डित श्री तिवारी को 28821 वोट मिले और 26930 वोटो से जीत कर गिरिश गौतम ने इस सीट में BJP का खाता खोल दिया. इसके बाद इस सीट से कांग्रेस का अस्तित्व ही खो गया. 2008 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो यह सीट अनुसूचित जाति के आरक्षित हुई और बीजेपी ने पन्नाबाई प्रजापति को टिकट देकर चुनावी मैदान पर उतार दिया. चुनाव हुए और पन्नाबाई प्रजापति 24579 वोट हासिल किए, जबकि कांग्रेस प्रत्यासी विंद्रा प्रसाद को 21380 मिले और 3199 वोटो से पन्नाबाई विजयी घोषित हुई.
मनगवां सीट पर हुए पिछले तीन चुनाव

2013 के चुनाव में यहां पर बीजेपी को बडा झटका लगा बीजेपी कैंडीडेट पन्नाबाई बाई को इस बार हार का सामना करना पड़ा और BSP ने इस सीट मे सेंधमारी कर दी. BSP उम्मीदवार शीला त्यागी को 40379 वोट मिले, जबकि बीजेपी कैंडिडेट पन्नाबाई प्रजापति को 40074 वोट हासिल हुए और मात्र 275 वोट से जीत कर शीला त्यागी विधायक चुनी गई.

2018 में BJP ने चुनावी दांव चला और इस बार मनगवां विधानभा सीट से पूर्व भाजपा विधायक पन्नाबाई प्रजापति के पति पंचुलाल प्रजापति को अपना उम्मीदवार घोषित किया. बीजेपी का चुनावी गुणाभाग काम आया और पंचुलाल प्रजापति को 64488 वोट प्राप्त हुए, जबकि कांग्रेस उम्मीवार बबिता साकेत को 45958 वोट मिले. 18530 वोटो से पंचुलाल प्रजापति ने जीत हासिल की और विधायक चुने गए.

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2008 से मनगवां सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित:2008 में मनगवां विधानसभा सीट को आरक्षित कर दिया गया और मनगवां सीट से वर्तमान विधायक पंचुलाल प्रजापति की पत्नी पन्ना बाई प्रजापति को बीजेपी की टिकट दी गई. उन्होंने भी जीत हासिल की, परन्तु 2013 की विधानसभा चुनाव में यह सीट बीएसपी के झोली में आ गई और भाजपा प्रत्याशी पन्ना बाई प्रजापति को हराकर BSP से शीला त्यागी ने जीत हासिल की. जिससे बाद में भाजपा को तगड़ा झटका लगा.

मनगवां का जातीय समीकरण

कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी मनगवां विधानसभा सीट:दरअसल, रीवा जिले की मनगवां विधानसभा सीट एक जमाने में कांग्रेस की गढ़ मानी जाती थी. साल 2003 के पहले यानी 1990 से लेकर 1998 तक यहां पर पूरे देश में सफेद शेर के नाम से मशहूर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता पंडित श्रीनिवास तिवारी का दबदबा कायम था. जिन्हें वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के हाथों करारी हार झेलनी पड़ी और तब पहली बार मनगवां विधानसभा में गिरीश गौतम भाजपा की टिकट से जीत कर आए.


Last Updated : Oct 2, 2023, 3:02 PM IST

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