रीवा। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की अवधारणा का विरोध किया और कहा कि देश में बार-बार चुनाव कराने की जरूरत है, क्योंकि इससे राजनीतिक दलों को नियमित रूप से अपने वादों को लेकर मतदाताओं के सामने जाने का मौका मिलता है. दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि देश को 'एक राष्ट्र, एक शिक्षा' (सभी के लिए समान शिक्षा) और 'एक राष्ट्र, एक उपचार' (अमीर या गरीब, सभी के लिए समान चिकित्सा सुविधा) की जरूरत है.
एक राष्ट्र, एक चुनाव की अवधारणा में खामियां:प्रदेश के विंध्य क्षेत्र के प्रमुख शहर रीवा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि "उन्हें (भाजपा को) कभी भी देश में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रणाली लागू करने की अनुमति न दें, क्योंकि केवल चुनावों के दौरान ही राजनीतिक दल और राजनेता लोगों की सुनते हैं और उस दौरान अगर उनसे चांद भी मांग लो तो उसे लाने का वदा करते हैं." केजरीवाल ने कहा कि चुनाव के दौरान नेता आपसे बहुत प्यार से बात करते हैं. आप प्रमुख ने कहा कि "अगर सभी चुनाव एक साथ होंगे तो राजनेता चुनाव से सिर्फ छह महीने पहले ही मतदाताओं के पास जाएंगे. उन्होंने कहा, 'अगर एक राष्ट्र, एक चुनाव की यह अवधारणा लागू हो गई तो राजनीतिक दलों के नेता साढ़े चार साल तक लंदन, पेरिस और विदेशों में घूमेंगे और चुनाव से ठीक पहले आपके पास आएंगे."
'एक राष्ट्र, एक शिक्षा' और 'एक राष्ट्र, एक उपचार' प्रणाली लागू हो:केजरीवाल ने कहा, 'आप का मानना है कि हर महीने चुनाव होने चाहिए और देश में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के बजाय 'एक राष्ट्र, एक शिक्षा' और 'एक राष्ट्र, एक उपचार' प्रणाली लागू की जानी चाहिए.' केन्द्र ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर विचार करने और संबंधित सिफारिशें करने के लिए आठ सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है.