भोपाल। खासगी ट्रस्ट विवाद को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीएम शिवराज ने उच्च स्तरीय बैठक की थी. बैठक में निर्णय लिया गया कि खासगी ट्रस्ट की संपत्ति को खुर्द बुर्द करने और अवैध रूप से बेंचे जाने की जांत होगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी. सीएम के आदेश के बाद अब पूरे मामले को EOW ने अपने हांथ में ले लिया है. ट्रस्ट की संपत्तियों को वापस लेने के लिए एक स्पेशल पुलिस स्क्वायड रिवेन्यू का गठन किया गया है. खासगी ट्रस्ट मामले में गठित जांच टीम में 2 एसपी सहित 39 सदस्यों को शामिल किया गया है.
खासगी ट्र्स्ट मामला - सीएम शिवराज सिंह का बयान सीएम ने कही कार्रवाई की बात
रीवा में ईटीवी भारत ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से इस मामले में सीधा सवाल किया कि आखिर सरकार का संपत्ति विवाद में अधिकारियों को लेकर क्या रुख है. जवाब में सीएम ने कहा कि आरोपियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा चाहे वो अधिकारी हों या ट्रस्टी.
हाईकोर्ट का आदेश
हाल ही में इंदौर हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि खासगी ट्रस्ट ने देखभाल की बजाए जमीनों को कौड़ियों के दाम में बेंच दिया. मामले में हाईकोर्ट ने कमेटी का गठन करते हुए सरकार से जांच कराने को कहा. साथ ही 25 से ज्यादा राज्यों की 250 से ज्यादा संपत्तियों को लेकर भी प्रदेश सरकार को कई सहूलियतें दे दीं. हाईकोर्ट ने वित्त विभाग के प्रमुख सचिव, संभागायुक्त, मुख्य सचिव और कलेक्टर की कमेठी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं.
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क्या है खासगी ट्रस्ट
खासगी ट्रस्ट मध्य प्रदेश सरकार और जनता की ऐतिहासिक जमीन की देखरेख करने वाली संस्था है. जिसे राज्य सरकार ने पुरातन जमीनों की देखरेख की जिम्मेदारी दी थी. खासगी ट्रस्ट के पास कुल 246 संपत्तियों की जिम्मेदारी थी, जिनमें 138 मंदिर, 18 धर्मशालाएं, 34 घाट, 12 छतरियां, 24 बगीचे और कुंड शामिल हैं. ये संपत्तियां देश के अलग-अलग राज्यों में मौजूद हैं. इनमें से अधिकतर संपत्तियों को बेंचे जाने और उन पर अवैध निर्माण का मामला सामने आया था. जिस पर 2012 में पहली बार शिकायत की गई थी, जिसके बाद से इस मामले में जांच की मांग उठी थी.
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जमीनी कागजातों में गड़बड़ी
इंदौर की देवी अहिल्याबाई होल्कर ने हातोद में 52 बावड़ियों का निर्माण करवाया था. जिनमें से ज्यादातर कुंडों के आधिकारिक कागजों में से इनके असली मालिक का नाम ही हटा दिया गया. ऐसे कई मामले हैं जिनमें अवैध कॉलोनियों और होटलों का निर्माण ट्रस्ट के जमीन पर हुआ. खासगी ट्रस्ट के नाम से देपालपुर में मंगलेश्वर महादेव मंदिर की जमीन पर कब्जा कर प्राइवेट कॉलोनी का निर्माण किया जा चुका है. फिल्म शूटिंग के लिए मशहूर महेश्वर में पहाड़ी पर स्थित कालेश्वर महादेव मंदिर की जमीन पर भी कब्जा कर पहाड़ी के नीचे एक व्यक्ति ने होटल बना लिया.
खासगी ट्रस्ट का इतिहास
साल 1983 में राजस्थान के पुष्कर से खासगी ट्रस्ट की जमीनों को बेचने का सिलसिला शुरू हुआ था. इसी साल वहां स्थित दुकानों और बाड़ों के साथ ही तीन सम्पत्तियों को बेच दिया गया. हरिद्वार के कुशावर्त घाट से हनुमान मंदिर के पास लगभग 11 एकड़ से ज्यादा की जमीन को बेंच दिया गया था. ये मामला 2003 का है. जबकि 2006 में इंदौर की अहिल्याबाई होलकर द्वारा बनाई गई रामेश्वरम स्थित ट्रस्ट की 14 एकड़ जमीन को महज एक करोड़ रुपये में बेंचा गया. जिसकी वास्तविक कीमत इससे कई गुना ज्यादा मानी जा रही है.
पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने की थी शिकायत
साल 2009 में इंदौर स्थित होलकर बाड़ा मंदिर और कुशावर्त घाट की संपत्तियों को बेंचा गया. जिसके लगभग 3 साल बाद साल 2012 में मध्य प्रदेश सरकार से इस मामले की पहली बार शिकायत की गई. इस समय तक इंदौर जिले के हातोद में बने राम मंदिर, बिल्केश्वर मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा और निर्माण हो चुका था. साथ ही रुक्मिणी कुंड के पास दीवारों को बनाकर इस कुंड को बंद कर दिया गया. इसी साल इंदौर की तत्कालीन सांसद सुमित्रा महाजन को लिखित में शिकायत की गई. सुमित्रा महाजन ने ही मामले को लेकर सरकार से आगे की कार्रवाई के लिए कहा था.