रीवा। अपना एमपी-अपना लोकरंग में आज के हमारे खास मेहमान हैं रीवा के उमेश मिश्रा लखन, जो अपनी कविता और बघेली लोकगीत से लोगों का मनमोह लेते है. उमेश मिश्रा लखन ऐसे शख्स है, जो आकाशवाणी में कार्यरत है. विविध कार्यक्रमों से बघेली भाषा में अपनी प्रस्तुति देकर लोगों का दिल जीत लेते है. लखन मिश्रा बघेली भाषा के लेखक भी है.
बघेली कवि और लेखक उमेश मिश्रा लखन ने ईटीवी भारत के विशेष कार्यक्रम 'अपना एमपी अपना लोकरंग' की बहुत सराहना की. उमेश मिश्रा ने कहा कि यह कार्यक्रम बहुत बढ़िया है. इस तरह के कार्यक्रमों से उन लोक कलाकारों की प्रतिभा लोगों के सामने आती है. वहीं इस मौके पर उन्होंने 'विंध्य की कहानी' बघेली लोकगीत के माध्यम से सुनाई.
'विंध्य की कहानी', बघेली लोकगीत के साथ लखन मिश्रा की जुबानी - बघेली लोकगीत
ईटीवी भारत के अपना एमपी-अपना लोकरंग में आज के हमारे खास मेहमान है, रीवा के उमेश मिश्रा लखन, जिन्होंने 'विंध्य की कहानी' बघेली लोकगीत के जरीए सुनाई.

लखन मिश्रा बघेली लोक गायक
उमेश मिश्रा लखन, बघेली गायक
गायकी की अनोखी परंपरा, मिलिए आल्हा की इकलौती महिला गायक संजू बघेल से
उमेश मिश्रा लखन ने कहा कि हमारी जो लोकभाषा है, वह प्रेम सौहार्द के साथ-साथ एकता और सम्पन्नता का बखान करती है. यहां के प्रेमगीत में रस है. यहां का भौतिक प्राकृतिक और वैचारिक संपदा उसकी सुंदरता में चार-चांद लगा देती है.