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रीवा नगर निगम के नवीव भवन का ताला तोड़ने का मामला, सांसद समेत 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज

रीवा नगर निगम परिसर में जबरदस्ती ताला तोड़कर नवीन भवन के लोकार्पण का मामला गरमाने लगा है, इस मामले में बीजेपी विधायक और सांसद समेत 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

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बीजेपी नेताओं पर एफआईआर

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Published : Dec 2, 2019, 9:24 PM IST

रीवा। प्रदेश में बीजेपी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं. शिवराज सरकार में मंत्री रहे और रीवा के वर्तमान विधायक राजेंद्र शुक्ल व स्थानीय सांसद जनार्दन मिश्रा समेत 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. बीजेपी नेताओं पर जबरन नगर निगम परिसर में नवनिर्मित भवन के लोकार्पण करने का आरोप लगा है.

सांसद समेत 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज

नगर निगम में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच एक हफ्ते बाद बीजेपी नेताओं पर सिविल लाइन थाने में संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. बता दें 23 नवंबर को नगर निगम परिसर में बने नवीन परिषद भवन का ताला तोड़कर बीजेपी नेताओं ने इसका लोकार्पण किया था. जिसकी शिकायत नगर निगम प्रशासन ने सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई है.

इन नेताओं पर हुआ मामला दर्ज

पुलिस ने स्थानीय सांसद जनार्दन मिश्रा, रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला, सिमरिया विधायक केपी त्रिपाठी, महापौर ममता गुप्ता, नगर निगम अध्यक्ष सतीश सोनी, बीजेपी जिला अध्यक्ष विद्या प्रकाश श्रीवास्तव, महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष मनीषा पाठक, जिला पंचायत उपाध्यक्ष विभा पटेल और पार्षद प्रकाश सोनी के खिलाफ मामल दर्ज किया है.

क्या है मामला ?

23 नवंबर को नगर निगम परिसर में बीजेपी नेताओं सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे और निगम परिसर में सुंदरकांड का पाठ किया. साथ ही अधूरे बने परिषद भवन का ताला तोड़कर बिना अनुमति के ही लोकार्पण कर दिया. घटना के बाद पुलिस ने इसे सामान्य राजनीतिक मसला मानकर मामला दर्ज नहीं किया था. लेकिन 1 हफ्ते बाद पुलिस ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.

पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने इसे बताया सीएम की बचकानी हरकत

पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल का कहना है कि इससे बड़ा मजाक और क्या हो सकता है. नगर निगम परिसर के मुखिया महापौर, एमआईसी सदस्य जिनके पास संवैधानिक अधिकार हैं और जनता ने उन्हें चुनकर भेजा है, उनके खिलाफ नगर निगम के अधिकारी व कर्मचारी ही FIR दर्ज करवा रहे हैं, ये दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार के शासन में नगर निगम में प्रशासनिक अराजकता का माहौल है. पुलिस ने सरकार के दबाव में मुकदमा दर्ज किया है.

इसके अलावा पूर्व मंत्री ने कहा कि अब तो मुख्य अतिथि बनने में भी उन्हें सोचना होगा कि, वे कहां जाएं और कहां न जाएं. क्योंकि कहीं मुख्य अतिथि बनकर गए और कोई फीता कटवा दे, तो मुकदमा लग जाएगा. ऐसा पहली बार हुआ है. यहां अराजकता की सारी सीमाएं पार हो चुकीं हैं.

वहीं सिविल लाइन थाना प्रभारी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि, नगर निगम परिसर में जबरदस्ती ताला तोड़कर भवन का लोकार्पण करने का मामला सामने आया था. जिसमें 9 नामजद समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

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