रीवा।श्याम शाह चिकित्सा कॉलेज में पदस्थ एक लिपिक की फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आया है. तत्कालीन कार्यवाहक अधिष्ठाता ने एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को निम्न श्रेणी का लिपिक बना दिया है. खास बात ये है कि, उक्त कर्मचारी को चार साल में 5 बार पदोन्नत किया गया है. मामले की शिकायत आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग तक पहुंच गई है. जिसके बाद उन्होंने मामले पर जांच के आदेश दिए हैं.
रीवा के श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में पदस्थ कर्मचारी विनोद सेन की नियुक्ति दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में 10 जुलाई 1986 को तत्कालीन कार्यवाहक अधिष्ठाता डॉ. टीएस त्रिपाठी ने किया था. ये नियुक्ति महज 89 दिन के लिए कलेक्टर दर पर की गई थी, लेकिन चार साल के भीतर ही 4 अक्टूबर 1990 को तत्कालीन कार्यवाहक अधिष्ठाता ने विनोद सेन की नियुक्ति निम्न श्रेणी लिपिक के पद पर स्थाई तौर पर कर दी थी. जब ये मामला उजागर हुआ, तो इसकी शिकायत आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग से की गई है. जहां से मेडिकल कॉलेज के डीन को जांच के लिए पत्र लिखा गया है. इसके साथ ही पत्र में ये भी कहा गया है कि, जांच कर नियुक्ति संबंधित समस्त दस्तावेज आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराया जाए.