रीवा। कपड़ों की धुलाई और आयरन कर लोगों को अप टू डेट बनाने वाला धोबी समाज प्रशासनिक अनदेखी का शिकार है. बरसों से बिहार नदी के जिस स्थान पर ये लोग कपड़ों की धुलाई का काम कर रहे हैं, वहां इनके लिए कोई सुविधा ही नहीं है. प्रशासन ने ना तो अभी तक कोई बाउंड्री वॉल बनाई है और ना ही कपड़ों की सुरक्षा और भंडारण के लिए मकान. हालात ये हैं कि पलक झपकते ही कपड़े चोरी हो जाते हैं. यहां तक की कपड़ों को रखने के लिए जिस मकान का उपयोग किया जाता है, उसकी छत गायब है.
प्रशासन की अनदेखी का शिकार धोबी समाज, बिना घाट के धो रहे कपड़े
कई पीढियों से कपड़े धोकर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाला धोबी समाज प्रशासन की अनदेखी का शिकार है. नेताओं द्वारा तमाम तरह के वादे किए गए लेकिन हालत जस के तस हैं.
बिहार नदी में स्थित बड़ी पुल के किनारे सुबह 5:00 बजे से ही धोबी समाज के लोगों का काम शुरू हो जाता है. इसके लिए सबसे पहले उन्हें घाट पर सफाई करना पड़ता है. क्योंकि लोग यहां पर शौंच भी कर जाते हैं. इसके बाद कपड़ों की धुलाई का काम शुरु होता है, लेकिन उचित व्यवस्थाएं नहीं होने से इन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
कई पीढिंयों से कपड़े धुलाई का काम करने वाला धोबी समाज आज प्रशासन की उपेक्षा का दंश झेलने को मजबूर है. यहां काम करने वाले लोगों का कहना है कि नेता और प्रशासन उनसे केवल झूठे वादे करते हैं. जिसके चलते उनको हो रही समस्याओं का निराकरण आज तक नहीं हुआ.