रीवा। शहर के रेलवे स्टेशन के पास भीतरी इलाके में एक युवक सड़क किनारे पड़ा हुआ था. युवक को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. घटना की सूचना मिलने पर पहले 108 एंबुलेंस मौके पर पहुंची, लेकिन कोरोना संदिग्ध होने की वजह से स्वास्थ्यकर्मियों ने युवक को उठाने से मना कर दिया. उसके बाद कोविड-19 एंबुलेंस भी मौके पहुंची लेकिन इन स्वास्थ्यकर्मियों ने मरीज को अस्पताल ले जाने से मना कर दिया. स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि उनके पास पीपीई किट नहीं है. ऐसे में वे कोरोना संदिग्ध मरीज को कैसे छू सकते हैं.
सड़क पर चार घंटे तक पड़ा रहा कोरोना संदिग्ध मरीज, बिना पीपीई किट के स्वास्थ्यकर्मियों ने छूने से किया मना - पीपीई किट
रीवा में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का मामला सामने आया है. कोविड-19 एंबुलेंस के स्वास्थ्यकर्मियों के पास पीपीई किट नहीं होने से एक कोरोना संदिग्ध युवक बीमार हालत में करीब 4 घंटे तक सड़क पर पड़ा रहा.
ये घटनाक्रम करीब 4 घंटे तक चलता रहा. जिसके बाद पीपीई किट के साथ स्वास्थ्य अमला मौके पर पहुंचा और मरीज को अस्पताल भेजा गया. शहर में इस तरह की घटना से स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उजागर हो गई है. अगर अस्पताल पहुंचने से पहले ही मरीज को कुछ हो जाता तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होती.
वहीं स्वास्थ्यकर्मी बहुत दिनों से पीपीई किट की मांग कर रहे हैं, लेकिन इनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है. ये दिखाता है कि स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी अपने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर सीरियस नहीं हैं. वहीं घटना पर थाना प्रभारी अरविंद दुबे ने कहा कि पीपीई किट नहीं होने से ये स्थिति बनी है. फिलहाल मरीज को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. जहां उसका इलाज चल रहा है.