सांसद राजमणि पटेल ने BJP व RSS की देशभक्ति पर लगाया प्रश्नचिह्न रीवा।स्थानीय राज निवास में सोमवार को कांग्रेस सांसद राजमणि पटेल ने पत्रकारवार्ता का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने रेलवे की वादाखिलाफी को लेकर कई सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि ललितपुर-सिंगरौली रेलवे लाइन का कार्य निर्माणाधीन है. ऐसे में अपनी मांगों को लेकर कई किसान पिछले 36 दिनों से गोविंदगढ़ स्टेशन पर अंदोलनरत हैं. किसानों की मांग है कि रेलवे द्वारा उनके साथ विश्वासघात किया गया. रेलवे ने उनकी जमीनें अधिग्रहण की. जिसके एवज में उन्हें परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया था.
रेलवे पर वादाखिलाफी का आरोप :सांसद पटेल ने कहा कि ललितपुर-सिंगरौली रेलवे लाइन का निर्माण कार्य किया जा रहा है, उसके लिए रेलवे ने हजारों किसान की जमीनें अधिग्रहण की थी. कांग्रेस के शासन काल में नियम बना था कि किसान की जमीन के बदले रेलवे विभाग उस किसान परिवार के एक सदस्य को रेलवे में नौकरी देगा. इस रेलवे लाइन के निर्माण में पन्ना, छतरपुर, सीधी रीवा और सिंगरौली जिले के किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई. जिसके बाद रेलवे विभाग द्वारा आश्वासन दिया गया था कि किसान परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी. इसकी सूची बनाई गई और सूची बनने के बाद मात्र 300 लोगों को ही नौकरी दी गई. जबकि हजारों किसान अब भी बेरोजगार हैं.
सरकार और रेलवे कर रहे अनसुनी :सांसद ने बताया कि इस मामले में जब रेलवे के अधिकारियों से चर्चा की जाती है तो वे कहते हैं कि कानून में संशोधन किया गया है. और अब जरूरी नहीं है कि जमीन के बदले किसान परिवार के सदस्य को नौकरी दी जाएगी. पटेल ने कहा कि किसान धरती का सीना चीर के अनाज पैदा करता है, तभी लोगों का पेट भरता है. लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सैकड़ों किसान गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन पर आंदोलनरत है लेकिन सरकार और रेलवे विभाग किसान की मांगों को अनसुनी कर रहा है. ललितपुर सिंगरौली रेलवे लाइन के सर्वे का मामला हमारे द्वारा राजसभा में भी उठाया गया था, जिसका जवाब उन्हें अब तक नहीं मिला.
Rewa Rajmani Patel Press Conference राज्यसभा सांसद के विवादित बोल, सावरकर को बताया अंग्रेजों का चापलूस
बीजेपी व RSS पर बोला हमला : सांसद पटेल ने कहा कि तिरंगे का अपमान करते हैं बीजेपी विचारधारा के लोग. पटेल ने बीजेपी आरएसएस पर जमकर हमला बोला. सांसद ने कहा कि राष्ट्र की परिभाषा ये है कि राष्ट्र के लिए अपने जीवन का कुछ हिस्सा अगर देश के लिए समर्पित किया हो तो वो राष्ट्रवादी है. वंदे मातरम् कहने से नहीं होता है, जो आज वंदे मातरम् कह रहे हैं और यह जिस तिरंगे को लहरा रहे हैं, उस तिरंगे का अपमान करने की विचारधारा कौन सी थी. क्या RSS के कार्यालय तिरंगा फहराया जा सकता है. यह आचरण से नहीं, यह केवल बातों से राष्ट्रवादी है. जब लोग कुर्बानियां दी रहे थे, तब ये राष्ट्रवादी परिभाषा के लोग कहां थे.