रीवा। शहर में संचालित अग्रवाल नर्सिंग होम के डॉ अरुण अग्रवाल के खिलाफ जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया गया है. दरअसल, कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव को शिकायत मिली थी कि डॉक्टर अरुण अवैध रूप से सोनोग्राफी की मशीन लगाकर घर पर लिंग परीक्षण करते हैं. जिस पर कलेक्टर के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की सयुंक्त टीम ने महिला सब इंस्पेक्टर को लिंग परीक्षण कराने भेजा था, ताकि डॉक्टर पुलिस की जाल में फंस सके और यही हुआ, यहां डॉक्टर अरुण अग्रवाल रंगे हाथ पकड़ा गया.
अवैध रूप से लिंग परीक्षण मामले में डॉक्टर के खिलाफ परिवाद दायर, पुलिस ने पकड़ा था रंगे हाथ - Rewa Aggarwal nursing home
रीवा में अवैध रूप से लिंग परीक्षण करने के मामले में अग्रवाल नर्सिंग होम के संचालक डॉ अरुण अग्रवाल के खिलाफ न्यायालय में परिवाद दायर किया गया. बता दें कि पुलिस ने जांच में उन्हें रंगे हाथ पकड़ा था.
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जिला न्यायालय में विशेष लोक अभियोजक सचिन द्विवेदी ने बताया कि अग्रवाल नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टर अरुण अग्रवाल के खिलाफ लगातार जिला कलेक्टर को शिकायत मिल रही थी. उन्होंने बताया कि अरुण अग्रवाल घर पर अवैध रूप से लिंग परीक्षण कर गर्भपात करा रहा थे.
इसके बाद कलेक्टर ने जांच टीम का गठन किया और महिला इंस्पेक्टर को छह हजार रुपये के साथ डॉक्टर के पास लिंग परीक्षण कराने भेजा गया. इस दौरान डॉक्टर परीक्षण के बाद रंगे हाथ पकड़ा गया. जानकारी के मुताबिक, अग्रवाल नर्सिंग होम के संचालक डॉ अरुण अग्रवाल अपने घर में लिंग परीक्षण करता था, जबकि हर सोनोग्राफी मशीन का रजिस्ट्रेशन कलेक्ट्रेट से होता है, मगर जांच के दौरान ना तो मशीन का रजिस्ट्रेशन मिला और ना ही संचालक.