रीवा।मध्यप्रदेश में गोवंशों की सुरक्षा पोषण और पुनर्वास के लिए जिले की हिनौती ग्राम पंचायत के गदही ग्राम में लगभग 500 हेक्टेयर से अधिक शासकीय और 2000 एकड़ से अधिक जंगली भूभाग में गो-अभ्यारण बनाए जाने के लिए प्रस्ताव मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन शिवराज सिंह चौहान की तरफ से मांगा गया है. माना जा रहा है कि, प्रदेश के आगर मालवा क्षेत्र में 750 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर बने एशिया के सबसे बड़े गो-अभ्यारण के बाद रीवा में दूसरा सबसे बड़ा गौ-अभ्यारण बनाया जाएगा. मामले की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय से मांगी गई है. जिसकी जानकारी रीवा कलेक्टर ने प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड भोपाल को भेजी है.
RTI एक्टिविस्ट का प्रयास:मामले की RTI एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी के द्वारा पूर्व में मांग उठाई गई थी. जब 2012-13 के आसपास क्षेत्र में अवैध बाड़े बनाए जाकर गोवंशों के साथ प्रताड़ना की जा रही थी और उन्हें भूखे प्यासे ठंड ठिठुरन बरसात में मरने के लिए छोड़ा जा रहा था. उस समय युद्ध स्तर पर लड़ाई लेते हुए शिवानंद द्विवेदी ने जहां अवैध बाडों को तोड़ने और गोवंशों को आजाद करवाने का कार्य किया वहीं हिनौती के गदही क्षेत्र में 500 हेक्टेयर से अधिक पड़े काश्तकारी योग्य भूभाग पर विशाल गौ-अभ्यारण बनाए जाने हेतु प्रस्ताव तत्कालीन केंद्रीय मंत्री श्रीमती मेनका गांधी को दिनांक 18 जनवरी 2017 एवं दिनांक 8 फरवरी 2017 को चीफ मिनिस्टर मध्य प्रदेश, तत्कालीन केंद्रीय मंत्री श्रीमती मेनका गांधी, चीफ सेक्रेट्री मध्य प्रदेश शासन, डायरेक्टर वेटरनरी विभाग मध्यप्रदेश शासन, पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश शासन, भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड सहित समस्त प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार भेजा जा चुका था.
हाईकोर्ट में दायर थी याचिका: गोवंशों की सुरक्षा पोषण और पुनर्वास और संवर्धन को लेकर क्षेत्र की रिक्त भूमियों में विशाल गो-अभ्यारण बनाए जाने हेतु गोवंश राईट एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी द्वारा अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा के माध्यम से जबलपुर उच्च न्यायालय में रिट पिटिशन डब्लूपी क्रमांक 28788/2018 भी दायर की गई थी. जिसमें चीफ सेक्रेटरी मध्यप्रदेश शासन, एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया, पशुसंवर्धन बोर्ड, वेटरनरी डिपार्टमेंट मप्र शासन, डीजीपी मध्यप्रदेश शासन, कलेक्टर एवं एसपी रीवा सहित सब को पार्टी बनाया जाकर नोटिस जारी की गई थी. हालांकि मामले पर अंतिम सुनवाई अभी तक नहीं हुई है लेकिन शासन के द्वारा जवाब प्रस्तुत किया जा चुका है, लेकिन त्यौंथर विधायक श्यामलाल द्विवेदी के पत्र से एक बार पुनः मामले में हलचल हो गई है.