रतलाम। जिले में कोरोना संकटकाल में हर वर्ग का काम प्रभावित हुआ है. ऐसे में देश में थर्ड जेंडर के रूप में संवैधानिक अधिकार पा चुके किन्नर समाज के लोग इन दिनों पारंपरिक काम नहीं मिल पाने से परेशान हैं. शादियों और मांगलिक कार्यक्रमों में बधाई और नाच गाकर गुजारा करने वाले किन्नरों की आर्थिक हालत लॉकडाउन के दौरान गंभीर हो गई है. किन्नरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. रोजी रोटी का संकट खड़ा होने पर परेशान हो रहे किन्नरों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. किन्नर समाज के लोगों ने आवेदन देकर उनकी मदद करने की अपील की है.
कलेक्ट्रेट में मदद की गुहार
शहर में किन्नरों की संख्या 300 के करीब है, जो अब काम नहीं मिलने की वजह से परेशान हो रहे हैं. जिला कलेक्ट्रेट में मदद की गुहार लगाने पहुंचे किन्नरों का कहना है कि पुरुषों और महिलाओं को तो काम भी मिल जाता है, लेकिन उन्हें तो कोई काम पर भी रखने को तैयार नहीं है. 2 महिनों से काम नहीं मिलने से किन्नर समाज के लोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे है. यही नहीं आगामी समय में भी उन्हें उनका पारंपरिक काम मिलने की उम्मीद नहीं है. अब वे प्रशासन और सरकार से मदद की उम्मीद लगा रहे हैं.