रतलाम।रैफर टू रतलाम के नाम से मशहुर हो चुके जावरा के सरकारी अस्पताल में आलम बहुत बुरे हो चुके हैं. स्टाफ की कमी के चलते घायल अवस्था में लाए गए मरीजों को कई बार स्ट्रेचर तक नहीं मिलता है या कई बार मजबूरन परिजनों को स्ट्रेचर धकेलना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया जब समीपस्थ बिनोली गांव के किशोर को करंट लग गया.
घायल बेटे को कंधे पर डालकर लाए परिजन, सट्रेचर धकेलने के लिए नहीं था स्टाफ - रतलाम न्यूज
रतलाम जिले के जावरा में स्वास्थ व्यवस्था खस्ता हाल है. बीनोली गांव से अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज को उसके परिजनों को पीठ पर ढोकर ले जाना पड़ा. अस्पताल में स्ट्रेचर को धकेलने के लिए कोई स्टाफ मौके पर मौजूद नहीं था, ऐसे में किशोर के पिता को खुद ही उसे ले जाना पड़ा.
![घायल बेटे को कंधे पर डालकर लाए परिजन, सट्रेचर धकेलने के लिए नहीं था स्टाफ Father takes the patient to the shoulder](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-8040749-869-8040749-1594836189354.jpg)
जिसके बाद घायल अवस्था में उसे जावरा के सिविल अस्पताल लाया गया. जहां घायल किशोर को अस्प्ताल के गेट से उपचार के लिए स्ट्रेचर पर ले जाने के लिए कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं था. हालांकि स्ट्रेचर तो मौजुद था, लेकिन उसे धकेलने वाला नहीं था, ऐसे में किशोर के साथ परिजन ने उसे अपनी पीढ़ पर बैठाया और इलाज के लिए डॉक्टर के पास लेकर पहुंचे.
जावरा के पास बिनोली गांव में रहने वाला भरत पिता नाहरूलाल शाम को अपने घर के अंदर गाय को बांध रहा था, इस दौरान उसे अचानक करंट लग गया. करंट लगते ही उसके परिजन उसे मोटरसाइकल पर बैठाकर जावरा के सरकारी अस्प्ताल लेकर आए. जहां उसे उसके परिजन अपनी पीढ़ पर बैठाकर डॉक्टर के पास उपचार करवाने ले जाना पड़ा.