रतलाम। जिले में लगातार बारिश से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही है. सबसे ज्यादा नुकसान सोयाबीन की फसल को हुआ है. जिले के आलोट-जावरा और रतलाम ग्रामीण ब्लॉक में सोयाबीन की फसल पीली पढ़कर सड़ने लगी है. जिससे की चिंता बढ़ गई है. किसान अब फसलों के सर्वे के इंतजार में है.
बारिश से बर्बाद हुई सोयाबीन की फसल, किसानों को प्रशासन के सर्वे का इंतजार - farmers wait for administration survey
रतलाम जिले में बीते हफ्ते से हो रही लगातार तेज बारिश कि वजह से क्षेत्र में बोई गई सोयाबीन कि फसल बर्बाद होने की कगार पर आ गई है. जिससे किसानों की परेशानियां बढ़ गई है. अब वे सरकार से मुआवजे की उम्मीद लगाएं बैठे हैं.
किसान अब फसल के सर्वे के लिए सरकार और प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे हैं. लेकिन प्रशासन का कोई नुमाइंदा अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में हुए फसलों के नुकसान के आकलन के लिए नहीं पहुंचा है. किसानों ने फसल बीमा करने वाली निजी बीमा कंपनियों से भी संपर्क किया है लेकिन वहां से भी किसानों को संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया है.
रतलाम सहित मालवांचल के सभी जिलों में बीते हफ्ते हुई आफत की बारिश की वजह से सोयाबीन, उड़द और मक्का की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. मालवा क्षेत्र में खासकर सोयाबीन की जल्दी उत्पादन देने वाली किस्मों को बोया जाता है. यह फसल सितंबर के दूसरे और तीसरे हफ्ते तक पक कर तैयार हो जाती है. लेकिन इस बार हुई लगातार बारिश की वजह से सोयाबीन की फलियों में दाने अंकुरित होने लगे हैं वहीं खेतों में पानी भरा होने से पौधे और फलों में सड़न भी पैदा हो गई है.