रतलाम। जिले के करमदी गांव के किसान खेती में सिंचाई की नई तकनीक अपनाकर पानी तो बचा ही रहे हैं साथ ही आधुनिक तकनीक अपनाकर ज्यादा उत्पादन भी प्राप्त कर रहे हैं. करमदी गांव के प्रगतिशील किसान रामबाबू पाटीदार और राजेश पुरोहित जल संरक्षण के लिये प्लास्टिक तालाब, ड्रिप और रेनगन स्प्रिंकलर जैसी सिंचाई की नई तकनीकों का इस्तेमाल कर अपने खेतों की सिंचाई कर रहे हैं. इस खेती में खासबात यह है कि कृषि और उद्यानिकी विभाग की प्रोत्साहन योजनाओं की मदद लिए बगैर इन किसानों ने अपनी सफलता की कहानी खुद लिखी है. यही नहीं इन किसानों ने पूरे सालभर फसल में उपयोग किए जाने वाले सिंचाई के पानी की गणना कर उसे प्लास्टिक तालाब में संचय कर एक वॉटर बैंक बनाया है. जिसका उपयोग किसान गर्मी के दिनों में पानी की कमी आने पर कर सकेंगे.
किसान रामबाबू पाटीदार ने बताया कि पहले पानी की कमी के कारण खेती नहीं कर पाते थे. पानी की किल्लत के कारण कुछ ही क्षेत्र में खेती करना संभव था. लेकिन किसान ने पर्याप्त खेती के लिए खेत में ही पानी का स्टोरेज डैम बनाया है. ताकि बिना पानी की समस्या का सामना करते हुए ज्यादा से ज्यादा खेती कर सके. किसान ने कहा कि पानी की कमी के चलते वह एक हेक्टेयर में ही खेती कर पाते थे लेकिन अब वह 7 हेक्टेयर में खेती करते हैं. जल संरक्षण की विधि बताते हुए किसान ने कहा कि जब बारिश में ट्यबेल बंद रहते हैं. तब जल को संरक्षित कर लेते हैं और जब किसान को खेती के लिए पानी की जरुरत होती है तो वह संरक्षित पानी का प्रयोग खेती के लिए कर लेते हैं.
किसान राजेश पुरोहित ने बताया कि मालवा क्षेत्र में कुछ समय से पानी की समस्या एक बड़ी समस्या बन चुकी है. जबकि मालवा क्षेत्र में 60% पानी ही है. इसके साथ ही खेत में काम करने वाले मजदूर भी काम की तलाश में शहर की ओर निकल गए हैं. जिससे खेती के लिए मजदूर मिलना मुश्किल हो गया है. किसान ने कहा कि रेनगन स्प्रिंकलर की मदद से खेत के दोनों तरफ सात सात फीट कवर करता है. किसान ने आधुनिक तकनीक के फायदे बताते हुए कहा कि यदि एक साल का औसत निकाले तो जहां खेती के लिए 100 % पानी लग रहा था. वहीं इन रेनगन स्प्रिंकलर लगाने से 60 % पानी से ही किसान की फसल पक जाती है. किसान ने कहा कि इससे किसानों को कई फायदे हुए है. जिनमें समय की बचत हो जाती है साथ ही मजदूरों की भी जरुरत नहीं रहती है और जो फसल तैयार होती है उसमें 10 से 20% की वृद्धि हो जाती है.
बहरहाल जल संरक्षण और आधुनिक सिंचाई उपकरणों के लिए कृषि और उद्यानिकी विभाग के माध्यम से कई प्रोत्साहन योजनाएं भी चलाई जा रही है. जिनकी मदद से किसान खेती में आधुनिक सिंचाई पद्धति को अपना सकते हैं. हालांकि करमदी गांव के इन प्रगतिशील किसानों ने शासन की योजनाओं और अनुदान का लाभ लिए बगैर ही जल संरक्षण की आधुनिक तकनीक को अपनाकर सफलता हासिल की है.