रतलाम। चौरानी पान की खेती के लिए जाने जाना वाला रतलाम जिले के चौराना गांव के किसानों का आज पान की खेती से मोह भंग हो गया है. गांव में चौराना पान की खेती करने वाले चौरसिया समाज के 200 से अधिक किसान थे, जो विशेष स्वाद वाले चौरानी पान का उत्पादन करते थे. कभी ये पान दिल्ली, मेरठ, देहरादून और पाकिस्तान तक निर्यात किया जाता था, लेकिन पानी की कमी और शासकीय सुविधाओं के आभाव के चलते गांव में महज सात-आठ किसान ही पान की खेती करते है.
किसान छोड़ रहे खेती
दरअसल रतलाम जिले का चौराना गांव देशभर में पान की खेती के लिए मशहूर है. यहां के विशेष स्वाद वाले देशी पान को चौरानी पान के नाम से देश और विदेश में जाना जाता है, लेकिन असुविधाओं के चलते किसान पान की खेती छोड़ने को मजबूर हैं. पान की खेती कर रहे किसानों का कहना है कि पान की खेती अब लाभ का धंधा नहीं रह गया है. मौसम की मार और पानी की कमी के चलते कई किसान खेती छोड़ चुके हैं. वहीं उद्यानिकी विभाग से भी किसानों को कोई मदद नहीं मिल पा रही है.