रतलाम। केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वे के टॉप 100 शहरों में शामिल रतलाम में स्वच्छता अभियान महज कागजों और होर्डिंग तक ही सीमित रह गया है. शहर को ओडीएफ घोषित हुए एक साल हो जाने के बाद ईटीवी भारत ने जब यहां की जमीनी हकीकत का पता किया तो नगर निगम के दावों की पोल खुल गई.
एक साल पहले ODF घोषित हुआ रतलाम, ईटीवी भारत के रियलिटी टेस्ट में हुआ फेल
रतलाम को एक साल पहले ODF घोषित कर दिया गया है. लेकिन जब ईटीवी भारत ने ODF का रियलिटी टेस्ट किया तो आज भी मोमिनपुरा क्षेत्र के लोग खुले में शौंच जाने को मजबूर मिले.
शहर के बीचोबीच स्थित मोमिनपुरा क्षेत्र के सैकड़ों रहवासियों के घरों में शौचालय नहीं है. स्वच्छता अभियान में बनाए गए सार्वजनिक सुलभ शौचालय पर भी ताला लगा हुआ है. जिससे क्षेत्र के रहवासी खुले में शौच करने को मजबूर हैं. यहां अब तक शौचालय के निमार्ण का काम शुरु नहीं हुआ है. आसपास फैली हुई गंदगी से लोगों को परेशानियों को का सामना करना पड़ रहा है.
रतलाम नगर निगम का स्वच्छ शहर और ओडीएफ बनाने का दावा शहर के बीचोबीच ही दम तोड़ रहा है. केंद्र और प्रदेश की सरकारें भले ही स्वच्छता अभियान के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही हैं. लेकिन ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में रतलाम नगर निगम का खुले में शौच मुक्त होने का दावा खोखला साबित हुआ है.