रतलाम। जरा सोचिए की आपकी खून की जांच कराई जाए और जांच एचआईवी पॉजिटिव पाई जाए तो आप क्या करेंगे. कुछ ऐसा ही मामला रतमाल जिला अस्पताल से सामने आया है. जहां ब्लड बैंक में उस समय हड़कंप मच गया जब खून की जांच के दौरान लगातार सात सैंपलों की रिपोर्ट एचआईवी पॉजिटिव पाए गए.
शासकीय अस्पतालों में जांच कीट पर उठे सवाल जिसके बाद ब्लड डोनेशन कैंप से आए ब्लड सैंपल की जांच रिपोर्ट एचआईवी रिएक्टिव मिलने पर जिला अस्पताल प्रबंधन ने राहत की सांस. लेकिन इस घटना से जिला अस्पताल प्रबंधन और घटिया एचआईवी जांच किट सप्लाई करने वाली कंपनी की विश्वसनीयता पर जरूर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है. ब्लड बैंक प्रबंधन ने समय रहते संदेहास्पद एचआईवी किट के पूरे बैच को हटाकर अन्य कंपनी की एचआईवी किट ब्लड बैंक की लेबोरेटरी में उपलब्ध कराई है.
रतलाम के जिला अस्पताल की ब्लड बैंक की ब्लड डोनेशन कैंप से आए रक्त की एचआईवी जांच की गई. जिसमें सात ब्लड सैंपल की प्राथमिक एचआईवी टेस्ट रिपोर्ट रिएक्टिव आई है. आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधन ने जब सात ब्लड सैंपल की दोबरा जांच की तो एचआईवी नेगेटिव आई. इसके अलावा प्रंबधन ने खून के नमूनों का एलाइजा टेस्ट भी करवाया गया जिसमें रिपोर्ट नेगेटिव आई है. जांच के बाद सभी ब्लड यूनिट को मरीजों को चाढ़ने के लिए मान्य कर दिया है.
गौरतलब है कि ब्लड बैंक में आने वाली सभी ब्लड यूनिट का अनिवार्य रूप से एचआईवी, हेपेटाइटिस और मलेरिया जैसी बीमारियों का टेस्ट किया जाता है. जिसके बाद ही ब्लड को मरीजों को चढ़ाने के लिए दिया जाता है. एचआईवी टेस्ट किट सप्लाई की वजह से ब्लड बैंक में किए जाने वाले इन प्राथमिक टेस्ट की रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर जरूर सवाल खड़े हो रहे हैं. अस्पताल प्रबंधन खराब गुणवत्ता वाली सभी जांच किट हटाने की बात कह रहा है.