रतलाम। कोरोना संकट काल के दौरान पहले तो प्रदेश और प्रदेश के बाहर से 109 कैंडिडेट्स का चयन कर उन्हें रतलाम बुला लिया गया, लेकिन हद तो तब हो गई, जब मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदारों ने यह फरमान सुना दिया कि जो कैंडिडेट्स सरकारी कॉलेज से डिग्री लिए हैं, उन्हें ही नौकरी दी जाएगी. अब सवाल यह है कि नौकरी उन्हें ही देना हैं, तो फिर निजी कॉलेज से डिग्री लिए कैंडिडेट का चयन कर उन्हें क्यों बुलाया गया ?. मामला बिगड़ता देख डीन डॉक्टर जितेंद्र गुप्ता सुबह ही मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना हो गए. वहीं शाम तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का हवाला देकर इस लापरवाही को दबाते रहे.
नर्सिंग स्टॉफ में भर्ती के नाम पर कैंडिडेट्स के साथ भद्दा मजाक - Medical College Management
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने नर्सिंग स्टॉफ में भर्ती के नाम पर कैंडिडेट्स के साथ भद्दा मजाक किया हैं.
![नर्सिंग स्टॉफ में भर्ती के नाम पर कैंडिडेट्स के साथ भद्दा मजाक Private college candidates were not given jobs in nursing staff recruitment](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-11666366-966-11666366-1620313642055.jpg)
कैंडिडेट्स के साथ भद्दा मजाक
कैंडिडेट्स के साथ भद्दा मजाक
नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी, पुलिस ने यूपी से 3 आरोपी किए गिरफ्तार
नहीं मिला सही जवाब
प्रदेश के कई जिलों के आलावा दिल्ली जैसे दूसरे राज्यों से भी चयनित कैंडिडेट्स नौकरी ज्वॉइन करने यहां पहुंचे थे, लेकिन बेहया कॉलेज प्रबंधन के मनमाने फरमान ने उनके सपनो को चूर-चूर कर दिया. सबसे बड़ी बात यह है कि कुछ शादीशुदा महिलाएं भी नौकरी ज्वॉइन करने यहां पहुंची थी, मगर शाम तक भटकने के बाद भी उन्हें सही जवाब नहीं मिल सका.