रतलाम। कलेक्टर की जनसुनवाई में नगर निगम का कारनामा सामने आया है, इस बार नगर निगम ने जीवित महिला को ही समग्र पोर्टल पर मृत घोषित कर दिया है. कागजों में मृत घोषित हो चुकी महिला बीते 2 साल से खुद को 'जिंदा' घोषित कराने के लिए नगर निगम के चक्कर लगा रही है. पीड़िता अब जनसुनवाई में मदद की गुहार लगाई है, लेकिन जनसुनवाई में बैठे निगम के जिम्मेदार समस्या का समाधान करने की बजाय मीडिया के सवालों से बचते नजर आए. अंत में पीड़िता को 15 दिनों में जीवित घोषित किए जाने का आश्वासन देकर रवाना कर दिया गया.
पति के साथ पत्नी को भी निगम ने बताया मृत, घूम-घूम कर जिंदा होने का सबूत दे रही विधवा
रतलाम नगर निगम के जिम्मेदारों ने जिस महिला को मृत घोषित किया था, वही महिला घूम-घूम कर खुद के जिंदा होने की गवाही दे रही है.
2 साल पहले रेखा बाई के पति की मृत्यु हो जाने पर निगम के गैर जिम्मेदार कर्मचारियों ने महिला के पति के साथ उसे भी मृत घोषित कर समग्र पोर्टल से महिला का नाम हटा दिया था. रेखा बाई पेंशन पात्रता के लिए आवेदन करने लिए जब नगर निगम कार्यालय पहुंची, तब उन्हें खुद के मृत घोषित किए जाने की जानकारी मिली. रेखा बाई खुद को जीवत साबित करने के लिए बीते 2 सालों से नगर निगम के चक्कर काट रही हैं.
इससे पहले भी नगर निगम में पुरुष हितग्राही को विधवा पेंशन देने, एक ही आदमी को तीन बार मृत घोषित करने, उसे तीन बार परिवार सहायता देने और एक ही परिवार में हिंदू-मुस्लिम धर्म के नाम जोड़े जाने जैसे कई कारनामे सामने आ चुके हैं. एक बार फिर इस मामले ने नगर निगम की कारस्तानियों की सूची में एक और नया कारनामा जुड़ गया है.