रतलाम।देशभर में व्यापक रूप में फैली कोरोना महामारी और उसकी रोकथाम के लिए किया गया लॉकडाउन एक कहर बनकर फूल व्यापारियों और किसानों पर टूटा है. एक ओर जहां बीते तीन महीनों में फूलों की खेती करने वाले किसानों के फूल खेतों में ही मुरझा गए, वहीं हर साल श्रावण माह में डिमांड में रहने वाले गुलाब की इस साल मांग बहुत कम रही. पूरी गर्मी रहे लॉकडाउन के दौरान किसानों को श्रावण माह से बहुत उम्मीद थी, लेकिन इस महीने में भी गुलाब की मांग नहीं होने की वजह से फूलों की खेती करने वाले किसान परेशान हैं. साथ ही इन हालातों को देख अब फूल की खेती को छोड़ने का मन बना चुके हैं.
लॉकडाउन खुलने के बाद श्रावण माह में गुलाब के फूलों की खेती करने वाले किसानों को अच्छे दाम मिलने की उम्मीद थी, लेकिन श्रावण मास में भी फूलों की मांग नहीं होने से गुलाब उत्पादक किसान अब इसकी खेती छोड़ने का मन बना चुके हैं. बता दें, जिले के तीतरी, मथुरी, करमदी कुआझागर और कुशलगढ़ गांवों में बहुतायत तौर पर फूलों की खेती की जाती है. गुलाब की खेती के लिए मशहूर इस क्षेत्र के किसान पिछले तीन महीनों से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. कभी श्रावण के महीने में 70 से 80 रुपए प्रति किलो बिकने वाला गुलाब का फूल, अब महज पांच से छह रुपए प्रति किलो बिक रहा है, जिससे किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है.
ये भी पढ़ें-संकट से गुजर रहे गुलाब किसान, दीपावली तक रौनक लौटने की कर रहे उम्मीद