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धनतेरस की धूम के साथ महालक्ष्मी मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़ - hordes of devotees gathered

रतलाम के माणक चौक स्थित महालक्ष्मी के मंदिर में एक बार फिर कुबेर का खजाना सज गया है.देश का यह पहला ऐसा मंदिर है जहां श्रद्धालु दिवाली से पहले, जेवर और नगदी भेंट करते हैं. कोई नोटों की गड्डियां भेंट करता है तो कोई सोने और चांदी के आभूषण भेट करते हैं.

Ratlam's famous Mahalaxmi temple
रतलाम का प्रसिद्धा महालक्ष्मी का मंदिर

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Published : Nov 12, 2020, 5:23 PM IST

Updated : Nov 12, 2020, 5:51 PM IST

रतलाम।दीपावली के मौके पर रतलाम के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में कुबेर का खजाना सज गया है. इस बार भी लोगों ने यहां लाखों रूपये की धनराशि, सोने, चांदी की सिल्लियां सहित जेवरात मंदिर में चढ़ावे के रूप में रखे हैं. मान्यता है कि महालक्ष्मी मंदिर में श्रद्धालु दिवाली से पहले जेवर और नकदी भेंट करते हैं. इन जमा हुए आभूषणों से दिवाली के पांचों दिनों तक महालक्ष्मी का श्रृंगार किया जाता है.

देशभर में धनतेरस की धूम

रतलाम के माणक चौक स्थित महालक्ष्मी के मंदिर में एक बार फिर कुबेर का खजाना सज गया है. प्रदेश ही नहीं बल्कि देश का यह पहला ऐसा मंदिर है जहां श्रद्धालु दिवाली से पहले, जेवर और नगदी भेंट करते हैं. कोई नोटों की गड्डियां भेंट करता है तो कोई सोने और चांदी के आभूषण भेट करते हैं. मंदिर में जमा हुए इन आभूषणों और नगद राशि से दिवाली के पांच दिनों तक महालक्ष्मी का श्रृंगार किया जाता है. जो कुबेर के खजाने के नाम से मशहूर है.

महालक्ष्मी मंदिर में सालों से गहने और राशि चढ़ाने की परंपरा रही है. इस भेंट को बकायदा रजिस्टर में नाम और फोटो के साथ नोट भी किया जाता है. जिसे दिवाली के पांचवे दिन रिकॉर्ड के ही आधार पर भक्तों को सबकुछ प्रसादी के रूप में लौटा दिया जाता है. चढ़ावा भी ऐसा की सोने, चांदी की सिल्लियों के साथ ही नोटों की गड्डियां भी इसमें शामिल है.

इस बार भी लोगों ने लाखों रूपये की धनराशि, सोने चांदी की सिल्लियां सहित जेवरात मंदिर में चढ़ावे के रूप में रखे हैं. इस बार धन की देवी के लिए 50 रूपये से लेकर 500 रूपये तक के नोटों से खास वंदनवार बनाए गए हैं. इन वंदनवार से पूरे मंदिर को सजाया गया है और नोटों की इन लड़ियों से मंदिर की खूबसूरती में चार चांद लग गए है.

आखिर क्या है इस कुबेर के खजाने का राज ?

दरसअल यह मंदिर रतलाम स्टेट के समय का है. मंदिर को लेकर मान्यता है कि जो भी अपनी धन संपदा इस मंदिर में रखता है. उसके यहां साल भर धनराशि में बढ़ोतरी होती है, और लोग महालक्ष्मी का आशीर्वाद मानकर इन रूपयों को खर्च भी नहीं करते हैं. मंदिर में रखी इस धन सम्पदा की निगरानी सीसीटीवी कैमरों की मदद से की जाती है. और हर समय यहां पुलिस का पहरा रहता है. इस बार कोविड 19 के चलते भक्तों को बाहर से ही महालक्ष्मी के दर्शन करने होंगे. मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा. वहीं इस बार जिला प्रशासन भी सतर्क है. ताकि लोग सोशल डिस्टेंसिग के साथ मंदिर में दर्शन कर सके.

Last Updated : Nov 12, 2020, 5:51 PM IST

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