रतलाम।देशभर में दोपहिया और चार पहिया वाहनों के बढ़ते उपयोग से पेट्रोल डीजल के उपभोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इधर बाजार में घटतौली से ग्राहकों को ठगने के मामले लंबे समय से सामने आते रहे हैं. हाल ही में कुछ शहरों में हाईटेक चिप और रिमोट तकनीक से पेट्रोल डिस्पेंसर मशीन में गड़बड़ी कर ग्राहकों से बड़ी ठगी करने वाले माफियाओं का खुलासा हुआ है. ऐसे में पेट्रोल और डीजल के व्यापारियों से सावधान और जागरूक होना बेहद जरूरी है. लेकिन लोग जल्दबाजी में लापरवाही कर बैठते हैं.
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती चोरी
ईटीवी भारत की टीम ने रतलाम में पेट्रोल पंप पर होने वाली गड़बड़ियों के बारे में जब पड़ताल की तो यहां चिप और रिमोट तकनीक से गड़बड़ी की शिकायतें तो सामने नहीं आई. लेकिन पेट्रोल और डीजल भरवाने वाले ग्राहकों में जागरूकता की कमी सामने आई है. वहीं ग्राहकों को यह जानकारी भी नहीं है कि पेट्रोल पंप पर किस तरह शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है. अधिकांश ग्राहकों द्वारा पेट्रोल या डीजल डलवाए जाने के बाद बिल या रीड आउट स्लिप नहीं ली जाती है. पेट्रोल और डीजल के क्वालिटी और क्वांटिटी टेस्ट की मांग भी पेट्रोल संचालकों से नहीं की जाती है.
पेट्रोल माफिया ग्राहकों की काट रहा जेब
दरअसल पेट्रोल और डीजल भरवाने वाले उपभोक्ताओं की जेब पर डाका डालने का काम लंबे समय से चला रहा है. हालांकि पेट्रोल कंपनियों अब मशीन वेरिफिकेशन, और एडवांस मैग्नेटिक की तकनीक का इस्तेमाल शुरू कर पेट्रोल पंपों पर चोरी की संभावनाओं में कमी लाने का प्रयास जरूर किया है. लेकिन ग्राहकों की जागरूकता में कमी का फायदा उठाकर पेट्रोल माफिया ग्राहकों की जेब काट रहा है.
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