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पेट्रोल-डीजल भराने वाले ग्राहक ऐसे होते हैं ठगी के शिकार, पेट्रोल पंप में रखें ये सावधानी - Ratlam Petrol Diesel Fraud

ईटीवी भारत की टीम ने रतलाम में पेट्रोल पंप पर होने वाली गड़बड़ियों के बारे में जब पड़ताल की तो यहां चिप और रिमोट तकनीक से गड़बड़ी की शिकायतें तो सामने नहीं आई. लेकिन पेट्रोल और डीजल भरवाने वाले ग्राहकों में जागरूकता की कमी सामने आई है.

Ratlam
रतलाम

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Published : Sep 25, 2020, 10:36 PM IST

रतलाम।देशभर में दोपहिया और चार पहिया वाहनों के बढ़ते उपयोग से पेट्रोल डीजल के उपभोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इधर बाजार में घटतौली से ग्राहकों को ठगने के मामले लंबे समय से सामने आते रहे हैं. हाल ही में कुछ शहरों में हाईटेक चिप और रिमोट तकनीक से पेट्रोल डिस्पेंसर मशीन में गड़बड़ी कर ग्राहकों से बड़ी ठगी करने वाले माफियाओं का खुलासा हुआ है. ऐसे में पेट्रोल और डीजल के व्यापारियों से सावधान और जागरूक होना बेहद जरूरी है. लेकिन लोग जल्दबाजी में लापरवाही कर बैठते हैं.

कहीं आप ठगी का शिकार तो नहीं !

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती चोरी

ईटीवी भारत की टीम ने रतलाम में पेट्रोल पंप पर होने वाली गड़बड़ियों के बारे में जब पड़ताल की तो यहां चिप और रिमोट तकनीक से गड़बड़ी की शिकायतें तो सामने नहीं आई. लेकिन पेट्रोल और डीजल भरवाने वाले ग्राहकों में जागरूकता की कमी सामने आई है. वहीं ग्राहकों को यह जानकारी भी नहीं है कि पेट्रोल पंप पर किस तरह शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है. अधिकांश ग्राहकों द्वारा पेट्रोल या डीजल डलवाए जाने के बाद बिल या रीड आउट स्लिप नहीं ली जाती है. पेट्रोल और डीजल के क्वालिटी और क्वांटिटी टेस्ट की मांग भी पेट्रोल संचालकों से नहीं की जाती है.


पेट्रोल माफिया ग्राहकों की काट रहा जेब
दरअसल पेट्रोल और डीजल भरवाने वाले उपभोक्ताओं की जेब पर डाका डालने का काम लंबे समय से चला रहा है. हालांकि पेट्रोल कंपनियों अब मशीन वेरिफिकेशन, और एडवांस मैग्नेटिक की तकनीक का इस्तेमाल शुरू कर पेट्रोल पंपों पर चोरी की संभावनाओं में कमी लाने का प्रयास जरूर किया है. लेकिन ग्राहकों की जागरूकता में कमी का फायदा उठाकर पेट्रोल माफिया ग्राहकों की जेब काट रहा है.

नापतोल विभाग करता है मॉनिटरिंग

रतलाम जिले के नापतोल विभाग में तौल में कमी की शिकायत भी गिनी-चुनी संख्या में हो पाती है. पेट्रोल पंप मशीनों में टेंपरिंग और चिप द्वारा गड़बड़ी करने के सवाल पर पेट्रोल पंप संचालकों का कहना है कि ऑटोमेशन और कंपनी द्वारा मॉनिटरिंग किए जाने की वजह से चिप और रिमोट सिस्टम द्वारा गड़बड़ी करना संभव नहीं है. वहीं मैन्युअल गड़बड़ी का शिकार होने से बचने के लिए पेट्रोल पंप पर ग्राहकों के लिए रीडिंग में जीरो देखने, रीड आउट इनवॉइस स्लिप लेने और क्वालिटी और क्वांटिटी टेस्ट लेने की व्यवस्था की जाती है.

नापतोल विभाग की अपील

इधर जिले के नापतोल निरीक्षक की माने तो इनका कहना है कि नाप-तोल विभाग की टीम सालाना निरीक्षण के अलावा पेट्रोल पंपों पर कभी-कभी अचानक पहुंचकर भी निरीक्षण करती रहती है. और शिकायत मिलने पर आवश्यक कार्रवाई की जाती है. पेट्रोल पंप पर ठगी के शिकार होने से बचने के लिए ग्राहकों को मशीन की रीडिंग में जीरो देखना चाहिए. और ईधन भर जाने के बाद भी रीडिंग को दोबारा चेक करना चाहिए. इसके साथ ही ग्राहकों को मशीन द्वारा जनरेट की जाने वाली स्लिप भी जरूर लेना चाहिए.

ग्राहकों को सावधानी की जरूरत

बहरहाल अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा पेट्रोल डीजल पर खर्च करने वाला आम आदमी जानकारी और जागरूकता के अभाव में ठगी का शिकार हो रहा है. लेकिन थोड़ी सी सावधानी बरतने पर और उपभोक्ता अपने अधिकारों का उपयोग करके वह इस ठगी का शिकार होने से बच सकता है.

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