रतलाम। जिले में इस साल गेहूं का अच्छा उत्पादन हुआ है. किसानों को अपनी फसल समर्थन मूल्य से कम दामों पर बेचनी पड़ रही है. इन किसानों का कहना है कि ट्रैक्टर-ट्रॉली का किराया देने के बाद मुनाफा नही निकल रहा है. दरअसल इस साल किसानों ने अच्छे मौसम होने की वजह से बंपर उत्पादन किया था. लेकिन लॉकडाउन की वजह से किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सही दाम नही मिलने से किसानों में आक्रोश है.
उपज का सही दाम नहीं मिलने से किसानों में आक्रोश, कम दाम पर फसल बेचने को हैं मजबूर - रतलाम गेहूं उपार्जन केंद्र
उपज का सही दाम नहीं मिलने से किसान परेशान हो रहे हैं. किसानों का कहना है कि उन्हें अपनी फसल समर्थन मूल्य से कम दाम पर बेचनी पड़ रही है. नई उपज के लिए खाद और बीज नही मिलने से भी किसान परेशान हो रहे हैं.
![उपज का सही दाम नहीं मिलने से किसानों में आक्रोश, कम दाम पर फसल बेचने को हैं मजबूर Anger among farmers](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-7317803-thumbnail-3x2-i.jpg)
किसानों को औने-पौने दाम पर ही अपनी फसल बेचनी पड़ रही है. रतलाम सहित पूरे प्रदेश में किसानों को गेहूं उपार्जन केंद्रों पर 3 से 4 दिनों तक ट्रैक्टर-ट्रॉली की लाइन लगाकर इंतजार करना पड़ता है. वहीं कुछ परेशान हो चुके किसान अपनी फसल को समर्थन मूल्य से कम दामों में व्यापारियों को भी बेच रहे हैं. किसानों का कहना है कि उनकी गेहूं, चना ,मेथी ,मसूर, प्याज और लहसुन की उपज मंडियों में समर्थन मूल्य से कम दामों पर बिक रही है. ट्रैक्टर-ट्रॉली का किराया चुकाकर MSP से भी कम रुपए प्रति क्विंटल पर मिल रहा है.
वहीं फसल बेचने मंडी में अटके हुए किसानों को अपने खेतों की तैयारी की भी चिंता सताने लगी है. किसानों का कहना है कि मानसून आने में अब 15-20 दिन ही बचे हैं. ऐसे में खेत की तैयारी के लिए खाद और बीज की व्यवस्था को लेकर किसान परेशान हो रहे हैं. मंडी प्रबंधन और गेहूं उपार्जन केंद्र के अधिकारी व्यवस्थाएं सुधारने का दावा तो करते हैं, लेकिन किसानों को अब भी उनकी फसल का सही दाम नही मिल पा रहा है.