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गेहूं उपार्जन के चक्कर में सोशल डिस्टेंसिंग भूले किसान, कोरोना संक्रमण का बढ़ा खतरा - कोरोना संक्रमण

रतलाम के गेहूं खरीदी केंद्रों पर फसलों की बिक्री के लिए पहुंचे किसान अब सोशल डिस्टेंसिंग भूलकर उपार्जन केंद्रों पर भीड़ लगा रहे हैं, जिससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है.

Farmers forget social distancing due to wheat procurement
गेहूं उपार्जन के चक्कर में सोशल डिस्टेंसिंग भूले किसान

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Published : May 27, 2020, 9:46 AM IST

रतलाम। जिले के उपार्जन केंद्रों पर गेहूं की तुलाई कराने पहुंचे किसान अब सोशल डिस्टेंसिंग भूलकर उपार्जन केंद्रों पर भीड़ लगा रहे हैं. गेहूं उपार्जन की अंतिम तारीख नजदीक आते ही खरीदी केंद्रों पर ट्रैक्टर-ट्रालियों की भीड़ लग गई है. इस दौरान किसान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बिल्कुल नहीं कर रहे हैं.

गेहूं उपार्जन के चक्कर में सोशल डिस्टेंसिंग भूले किसान

65 उपार्जन केंद्रों पर चल रहा है गेहूं खरीदी का कार्य

बता दें कि, जिले के 65 उपार्जन केंद्रों पर किसानों की गेहूं खरीदी का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है. भारी संख्या में गेहूं की ट्रालियां लेकर किसान उपार्जन केंद्रों पर उमड़ रहे हैं. हालात ये है कि, इक्का-दुक्का किसान ही मास्क का इस्तेमाल अपनी सुरक्षा के लिए कर रहे हैं. फसल उपार्जन केंद्र के प्रभारी और जिम्मेदार अधिकारी भी किसानों को उपार्जन केंद्रों पर भीड़ इकट्ठा करने से नहीं रोक पा रहे हैं. ऐसे हालात में जिले में संचालित किए जा रहे उपार्जन केंद्रों पर कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है.

बना हुआ है कोरोना संक्रमण का खतरा

चूंकि गेहूं उपार्जन की अंतिम तिथि 26 मई निर्धारित की गई थी. इसके बाद किसान बड़ी संख्या में अपने गेहूं लेकर उपार्जन के लिए पहुंच रहे हैं, जिससे प्रशासन ने टोकन व्यवस्था कर किसानों की फसल तौलने की व्यवस्था की है, लेकिन किसान समूह बनाकर उपार्जन केंद्रों पर डटे हुए हैं. कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच लापरवाह किसान अपनी फसल बेचने की जद्दोजहद में जान का जोखिम उठा रहे हैं.

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