रतलाम। मोदी सरकार की अति महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से अब अन्नदाता किसानों का भरोसा उठने लगा है. रतलाम जिले के किसानों में इस बार फसल बीमा करवाने को लेकर रुचि दिखाई नहीं दे रही है. जिले के दो लाख किसानों में से 82 हजार किसानों ने ही फसल बीमा करवाया है.
पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना से किसानों का हुआ मोहभंग, नहीं कराया फसल बीमा - किसानों की प्रधानमंत्री बीमा फसल योजना में रुचि नहीं
रतलाम जिले के किसानों में इस बार फसल बीमा करवाने को लेकर रुचि दिखाई नहीं दे रही है. जिले के दो लाख किसानों में से 82 हजार किसानों ने ही फसल बीमा करवाया है.
किसानों ने इस साल जो फसल बीमा करवाया है, वह पिछले साल के 86 हजार 800 किसानों के मुकाबले कम है. किसानों द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा करवाने की संख्या पूरे जिले में महज 2 सौ ही है. किसानों का कहना है कि योजना के अंतर्गत प्रीमियम तो ली जाती है, लेकिन नुकसान होने पर ना तो बैंक और ना ही बीमा कंपनी सुनवाई करती है. जिसकी वजह से किसानों की रुचि अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में नहीं है.
दरअसल, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसलों का बीमा करवाने की अंतिम तारीख 31 जुलाई थी. जिसके बाद रतलाम में फसल बीमा करवाने वाले किसानों की संख्या पिछले साल से करीब 4 हजार कम रह गई है. किसानों की मांग है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसलों में होने वाले नुकसान के आकलन की इकाई किसान का खेत होना चाहिए. वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों की अरुचि का कारण कृषि अधिकारी फसलों की अच्छी स्थिति होना मानते है. कृषि विभाग के उपसंचालक जीएस मोहनिया का कहना है कि जिले में सभी ऋणी किसानों का सौ प्रतिशत फसल बीमा किया गया है, लेकिन जिले में इस बार फसलों की स्थिति अच्छी होने की वजह से अऋणी किसानों द्वारा फसल बीमा करवाने में कम रुचि ली गई है.