रतलाम। जिले के नामली और सेजावता स्थित उपार्जन केंद्रों पर खरीदी नहीं होने से नाराज किसान आक्रोशित हो गए और फोरलेन सड़क पर जाम लगा दिया. नाराज किसानों का कहना था कि 4 दिनों से ट्रॉली लेकर फसल उपार्जन केंद्रों पर गेहूं खरीदी का इंतजार कर रहे हैं.
रतलाम में किसानों ने फोरलेन जाम किया लेकिन सुनवाई नहीं होने से सड़क पर बैठना पड़ रहा है. वहीं सूचना मिलने पर शहर एसडीएम लक्ष्मी गामड़ ने मौके पर पहुंचकर किसानों को समझाइश देकर सड़क से हटवाया और व्यवस्थाएं सुधारने का आश्वासन दिया है.
जिले में किसानों की फसल उपार्जन के लिए 65 केंद्रों की शुरुआत की गई थी. जहां अव्यवस्थाओं के चलते 38 केंद्रों पर आज गेहूं खरीदी का कार्य ठप हो गया है. जिसमें से अधिकांश केंद्रों पर बारदाना खत्म हो जाने की वजह से गेहूं खरीदी प्रभावित हुई है.
तीन से चार दिनों तक फसल उपार्जन केंद्रों पर गेहूं खरीदी का इंतजार कर रहे हैं, किसानों का सब्र आज टूट गया. जिसके बाद किसानों ने नामली और सेजावता में फोरलेन को दो बार जाम किया.
सड़क जाम होने की सूचना मिलने पर एसडीएम लक्ष्मी गामड़ ने मौके पर पहुंचकर किसानों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और संयम बरतने की समझाइश दी. जिसके बाद सभी केंद्रों पर व्यवस्थाओं को सुधारने और इलेक्ट्रॉनिक तोल कांटे से गेहूं खरीदी करने का आश्वासन किसानों को दिया.
जिसके बाद किसान सड़क पर चल रहे धरने से उठने को राजी हुए. सड़क पर जाम कर धरने पर बैठे किसानों का कहना था कि प्रशासन द्वारा निर्धारित की गई मैसेज और टोकन व्यवस्था के अनुसार ही वे गेहूं उपार्जन केंद्रों पर अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर पहुंचे हैं.
लेकिन उपार्जन केंद्रों की अव्यवस्था की वजह से किसानों को परेशान होना पड़ रहा है. वहीं किसानों को ट्रैक्टर-ट्रॉली का 2 गुना और 3 गुना भाड़ा भी वाहन करना पड़ रहा है.
बहरहाल किसानों को गेहूं उपार्जन केंद्रों पर व्यवस्थाएं सुधारने और इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे से फसल खरीदी करने का आश्वासन तो मिला है, लेकिन किसानों को मानसून और मानसून के पूर्व की बेमौसम बारिश का डर भी सता रहा है.