रतलाम। जय किसान ऋण माफी योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रतलाम जिले से की थी, जिसके बाद जिले के किसानों को कर्ज मुक्ति की उम्मीद थी. लेकिन अब आचार संहिता लगने के साथ ही कर्जमाफी योजना के हितग्राहियों को मुख्यमंत्री कमलनाथ के मैसेज मिल रहे हैं, जिसमें लिखा है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण ऋणमाफी स्वीकृत नहीं हो पाई है.
एसएमएस में ये भी लिखा है कि चुनाव के बाद ऋणमाफी स्वीकृत की जायेगी. इस तरह के एसएमएस मिलने के बाद से किसानो में निराशा है और चुनाव के बाद ऋण मुक्ति होने को लेकर किसान आशंकित भी है. दरअसल, किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर ही कांग्रेस प्रदेश की सत्ता में वापस आई थी और कांग्रेस ने वचन पत्र जारी कर 10 दिनों में कर्जमाफ करने का वादा भी किसानों से किया था.
इसके बाद 22 फरवरी को रतलाम से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जय किसान योजना के हितग्राहियों के बैंक खातों में ऋण माफी की राशि डालने की शुरुआत की थी, लेकिन अब तक जिले में 1900 किसानों के बैंक खातों में यह राशि पहुंची है. ऋण मुक्ति की राशि आने के इंतजार में बैठे किसानों को अब मुख्यमंत्री कमलनाथ का मैसेज मिला है, जिससे किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ेगा. वहीं अब किसान चुनाव के बाद भी ऋण मुक्त होने को लेकर आशंकित है.
रतलाम के कलोरी गांव के किसानों का कहना है कि कर्जमाफी के नाम पर किसानों से छलावा हुआ है और उन्हें लोकसभा चुनावों के बाद भी ऋण मुक्त होने पर संशय है. बहरहाल जय किसान कर्जमाफी योजना का लाभ नहीं मिलने से किसानों की नाराजगी कांग्रेस के लिये भारी पड़ सकती है. वहीं अब किसानों को भी नया फसल ऋण लेने और कृषि कार्य के लिये लोकसभा चुनाव तक लंबा इंतजार करना पड़ सकता है.