रतलाम। प्रदेश के बेरोजगारों के लिए बैंड-बाज बजाने और पशु चराने जैसी ट्रेड को शामिल करने को लेकर मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना पहले से विवादों में आ चुकी है. जिसके बाद अब रतलाम में इस महत्वपूर्ण योजना में पंजीयन कराने वाले बेरोजगार युवाओं को जबरन सिलाई प्रशिक्षण की ट्रेड आवंटित कर दी गई है. जबकि, इन बेरोजगारों में कई ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट लड़के भी शामिल है, जो सिलाई का प्रशिक्षण नहीं लेना चाहते.
मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना के में गड़बड़ी, हार्डवेयर-नेटवर्किंग के युवाओं को दिया जा रहा सिलाई का प्रशिक्षण - Madhya Pradesh
प्रदेश के बेरोजगारों के लिए बैंड-बाज बजाने और पशु चराने जैसी ट्रेड को शामिल करने को लेकर मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना पहले से विवादों में आ चुकी है. जिसके बाद अब रतलाम में इस महत्वपूर्ण योजना में पंजीयन कराने वाले बेरोजगार युवाओं को जबरन सिलाई प्रशिक्षण की ट्रेड आवंटित कर दी गई है.
दरअसल, मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना के अंतर्गत बेरोजगार युवाओं ने अपना पंजीयन कराया था, जिसमें अपनी रुचि अनुसार युवाओं ने ट्रेड का चयन किया था. लेकिन, प्रशिक्षण लेने पहुंचे करीब 102 युवाओं को सिलाई का प्रशिक्षण लेने के लिए कहा जा रहा है, जबकि इन युवाओं ने कंप्यूटर ऑपरेटर ,सुरक्षा गार्ड ,हार्डवेयर नेटवर्किंग और मोबाईल रिपेयरिंग जैसे रोजगार मूलक ट्रेड का चयन किया था. युवा अब प्रशिक्षण केंद्र और नगर निगम के चक्कर लगा रहे है, जहां उन्हें कोई समाधान नही मिल पा रहा है.
वहीं इस योजना के लिए नगर निगम के नोडल अधिकारी का कहना है कि प्रशिक्षण की ट्रेडों के निर्धारण और परिवर्तन भोपाल की एजेंसी द्वारा ही किया जाएगा. वहीं बेरोजगार युवा अपनी ट्रेड में परिवर्तन के लिए कियोस्क सेंटर और नगर निगम के चक्कर लगा रहे है.