रतलाम। शहर के इंजीनियर अंसार अहमद अब्बासी ने एक स्वदेशी वेंटिलेटर तैयार किया है. कंप्यूटर इंजीनियर ने इंडिया वेंटिलेटर बनाया है, जो देश में उपयोग किए जा रहे महंगे और विदेशी वेंटिलेटर के समान ही गंभीर मरीजों को लाइफ सपोर्ट देने में सक्षम होगा.
7 हजार रुपये में बनकर तैयार हुआ स्वदेशी वेंटिलेटर पीएनटी कॉलोनी में रहने वाले अंसार अहमद अब्बासी ने महज 7 हजार रुपये की लागत से पोर्टेबल वेंटिलेटर तैयार किया है, जिसे मोबाइल और लैपटॉप से भी ऑपरेट किया जा सकेगा. इसके लिए अंसार अहमद ने अपने सहयोगी नजीब के साथ एक महीने में भारतीय कंपोनेंट का उपयोग कर इस वेंटीलेटर को तैयार किया है. जिसका नाम उन्होंने इंडिया वेंटिलेटर रखा है. इंजीनियर अंसार अहमद ने बताया कि इसे बनाने की प्रेरणा उन्हें वेंटिलेटर की कमी जूझ रहे अमेरिका और इटली से मिली, जहां इसकी कमी से लाखों मरीजों की जान चली गई थी.
वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए देश में वेंटिलेटर की कमी होने की आशंका को देखते हुए अंसार अहमद ने और स्वदेशी वेंटिलेटर बनाने की योजना बनाई है. अंसार अहमद अब्बास का स्वदेशी वेंटिलेटर वैश्विक महामारी कोरोना से जारी जंग में मददगार साबित हो सकता है.
युवा इंजीनियर ने मात्र 7 हजार की लागत में इस पोर्टेबल वेंटिलेटर को तैयार किया है. आमतौर पर देश में उपयोग किए जाने वाले अधिकांश वेंटिलेटर चाइना मेड हैं, लेकिन इस इंजीनियर ने स्वदेशी कंपोनेंट का उपयोग कर इस इंडिया वेंटीलेटर को बनाया है.
पेशे से गणित के शिक्षक अंसार अहमद अब्बासी, कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर चुके हैं. लॉकडाउन के दौरान घर में रहकर ही अंसार अहमद और नजीब ने कम लागत में इंडिया वेंटिलेटर को तैयार किया है. जिसे कंप्यूटर के साथ-साथ मोबाइल से भी ऑपरेट किया जा सकता है. इंडिया वेंटीलेटर को आईसीएमआर से मान्यता मिलने का इंतजार है. जिसके बाद इसका ट्रायल किया जा सकेगा. लेकिन इन युवा कंप्यूटर इंजीनियरों ने यह साबित कर दिया है कि, भारत देश में आत्मनिर्भर बनने की कितनी क्षमता मौजूद है.