रतलाम। एक जुलाई से हुए अनलॉक के बाद लॉकडाउन के कारण बंद रही बस सेवाओं को एक बार फिर चालू करने के दिशा-निर्देश केंद्र सरकार ने जारी किए थे, लेकिन प्रदेश की सड़कों पर अब तक प्रायवेट बसे दौड़ती नजर नहीं आ रही हैं. परिवहन मंत्रालय ने देशभर में निजी बसों के संचालन के निर्देश तो जारी कर दिए, लेकिन बस ऑपरेटरों की खराब हो चुकी माली हालत इसकी इजाजत नहीं दे रही है कि, आधी क्षमता में सवारी बैठा कर संचालन शुरू कर सकें. इसके साथ ही बस संचालक लॉकडाउन की अवधि का टैक्स माफ करने की मांग कर रहे हैं.
कोरोना संक्रमण की वजह से चार महीनों से बंद पड़ी यात्री बस सेवा की वजह से ऑपरेटर पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. ऐसे में बसों का संचालन फिर से शुरू करने के लिए बस ऑपरेटर यूनियन ने प्रदेश सरकार से लॉकडाउन की अवधि के दौरान बसों पर लगने वाले टैक्स को माफ करने और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों के मुताबिक यात्री किराए में वृद्धि किए जाने की मांग प्रदेश सरकार और परिवहन मंत्रालय से की है.
यात्री बसों का संचालन करना संभव नहीं
निजी बस ऑपरेटर यूनियन के संभागीय अध्यक्ष बलवंत सिंह भाटी ने बताया कि, जब तक प्रदेश सरकार बस ऑपरेटरों को राहत नहीं देगी, तब तक निजी यात्री बसों का संचालन करना संभव नहीं है. बलवंत सिंह का कहना है कि, पिछले चार महीनों में बस ऑपरेटरों को किसी भी तरह की कोई आय नहीं हुई हैं और न ही सरकार की ओर से कोई राहत मिली है. ऐसे में इतने महीनों से बंद पड़ी बसों पर लगने वाले टैक्स को माफ कर सरकार को बस संचालकों को राहत देनी चाहिए.