मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

लॉकडाउन में बैंड पार्टियों का बजा 'बैंड', शहनाई की खामोशी में गुम हुई खुशियां - एमपी फाइट कोरोना

लॉकडाउन के चलते देश में हर वर्ग परेशान है. सभी का व्यवसाय ठप्प हो गया है. मजदूर, गरीब और किसान खाने को महोताज है. वहीं रतलाम जिले में करीब 250 बैंड पार्टियां हैं, जिनके बैंड से निकलने वाली धुन और ढोल की थाप से 5000 से ज्यादा लोगों की जीविका चलती है.

Design photo
डिजाइन फोटो

By

Published : May 19, 2020, 4:45 PM IST

Updated : May 26, 2020, 3:27 PM IST

रतलाम।वो साल दूसरा था जब शहनाइयों की गूंज सुनाई पड़ती थी, लेकिन इस साल शादी का सीजन है, फिर भी चारो तरफ सन्नाटा पसरा है, लॉकडाउन में शहनाइयां खामोश हैं. हर कोई इस साल के गुजर जाने या फिर अपने कैलेंडर से हटाने की बात कर रहा है क्योंकि साल 2020 ने जिंदगी को इतना महंगा कर दिया है कि मौत हर गली-मोहल्ले और सड़कों पर घूम रही है. क्या गरीब क्या अमीर सब कोरोना महामारी के आगे लाचार हैं. ऐसे में शादी के सीजन पर निर्भर रहने वाले बैंड पार्टियों का तो बैंड ही बज गया है और अब वे भूखो मरने की कगार पर हैं.

बैंड पार्टियों का व्यवसाय ठप्प

जन्म से लेकर मृत्यु तक हर कार्यक्रम में बैंड बजाने वालों की आर्थिक हालत लॉकडाउन में जार-जार हो गई है, लोगों की खुशियों को चार चांद लगाने वाले आज अपनी खुशियों को तलाश रहे हैं क्योंकि पूरे साल में महज चार महीने ही इनका रोजगार चलता है, जो इस सीजन में लॉक हो गया है, जिसका असर इन पर लंबे समय तक रहेगा. रतलाम जिले में करीब 250 बैंड पार्टियां हैं, जिनके बैंड से निकलने वाली धुन और ढोल की थाप से 5000 से ज्यादा लोगों की जीविका चलती है.

बैंड पार्टी संचालकों के सामने अब सबसे बड़ा संकट एक और है, जोकि शादियां रद्द होने के बाद एडवांस में ली गई राशि भी वापस लौटाना है, लेकिन उनके पास आय का कोई जरिया नहीं है, जिससे बयाने की रकम लौटा सकें, अब जब तक लॉक नहीं खुलता है, तब तक न तो ये एडवांस की रकम लौटा पाएंगे और न ही इनकी खुशिया वापस लौटेंगी.

Last Updated : May 26, 2020, 3:27 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details