रतलाम।आज विश्व कैंसर दिवस है, कैंसर की बीमारी के प्रति जागरूकता लाने के लिए पूरे विश्व में वर्ल्ड कैंसर- डे मनाया जा रहा. पिछले कुछ सालों में भारत में कैंसर के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. वहीं देश के दिल मध्यप्रदेश के रतलाम में भी एक गांव ऐसा है जहां पिछले 10 सालों में अलग-अलग प्रकार के कैंसर के कारण करीब 35 लोगों की मृत्यु हो चुकी है. यह हाल है रतलाम जिला मुख्यालय से 104 किलोमीटर दूर बसे भोजाखेड़ी गांव का.
जब ईटीवी भारत की टीम ने भोजाखेड़ी गांव पहुंचकर कैंसर की बीमारी का कारण जानना चाहा तो जवाब किसी के पास नहीं था. कैंसर से हुई मौत और कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहे लोगों की यहां एक नहीं कई दर्द भरी दास्तान मौजूद हैं.
यहां वर्तमान में कैंसर की बीमारी से जूझ रही एक महिला पूरन कुंवर सामने आईं, जिन्हें स्तन कैंसर हुआ है. महिला के परिजनों के अनुसार गांव में किसी भी तरह का रासायनिक प्रदूषण नहीं है, जिससे यह बीमारी गांव में फैल रही है. लेकिन कुछ महीनों पहले सीने में गठान बनने और दर्द होने की तकलीफ को लेकर उज्जैन के अस्पताल में पहुंचे तो जांच रिपोर्ट में पूरन कुंवर को कैंसर होना बताया गया.
केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना का लाभ जरूर इस परिवार को कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने के लिए मिला है. वर्तमान में पूरन कुंवर कैंसर की दर्द भरी उपचार प्रक्रिया के बाद स्वास्थ्य हालत में है.
कैंसर की बीमारी में न केवल लोगों की जान ली है, बल्कि मृतकों के परिवारों की आर्थिक स्थिति भी बिगाड़ दी है. कैंसर से पीड़ित गांव के विजय सिंह परिहार ने भी आर्थिक तंगी के चलते उपचार के अभाव में ही दम तोड़ दिया, कैंसर की लंबी बीमारी के बाद विजय सिंह की 2012 में मौत हो गई.