राजगढ़। भारत संतों का देश कहा जाता है. यहां अनेक ऐसे संतों के चमत्कारों की कहानियां लोगों की यादों में बसी हुई हैं, जिन्होंने अपने तप से भारतवर्ष को तपोभूमि बना दिया और भारत की ख्याति पूरे विश्व मे फैला दी. ऐसे ही एक संत थे बाबा माखनदास. मान्यता है कि पौराणिक काल में बाबा माखन दास राजगढ़ जिले के कागशीला नामक स्थान पर तप किया करते थे.
कागशीला: यहां आज भी मौजूद हैं संत माखन दास की तपस्या के साक्ष्य, 24 साल रहे थे निराहार - राजगढ़
भारत संतों का देश कहा जाता है. यहां अनेक ऐसे संतों के चमत्कारों की कहानियां लोगों की यादों में बसी हुई हैं, जिन्होंने अपने तप से भारतवर्ष को तपोभूमि बना दिया और भारत की ख्याति पूरे विश्व मे फैला दी. ऐसे ही एक संत थे बाबा माखनदास. मान्यता है कि पौराणिक काल में बाबा माखन दास राजगढ़ जिले के कागशीला नामक स्थान पर तप किया करते थे.
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जहां माखनदास ने तपस्या की थी, वहां आज भी उनकी एड़ियों के निशान मौजूद हैं. इसके साथ ही जहां वह धूनी लगाते थे वह आज भी प्रज्वलित रहती है. ऐसा कहा जाता है कि जब वह तपस्या में लीन रहते थे, तब जंगली जानवरों से रक्षा करने के लिए उनके पास अनेक शेर आकर बैठ जाते थे और उनकी रक्षा किया करते थे. इसके साथ ही जिस स्थान पर वह सोया करते थे, वहां आज भी उनकी रीढ़ की हड्डी के निशान हैं. बताया जाता है कि उस जगह बरसात के मौसम में एक बूंद भी पानी नहीं गिरता है.
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