राजगढ़।मध्य प्रदेश को भारत में सोया स्टेट के नाम से जाना जाता है. प्रदेश को सोया स्टेट बनाने में मालवा का सबसे अधिका योगदान है. यहां का किसान हमेशा से सबसे ज्यादा सोयाबीन उगाता रहा है और इससे खुद के साथ-साथ प्रदेश को भी गौरवांवित करता रहा है, लेकिन कुछ सालों से खराब होती सोयाबीन की फसल अब किसानों के लिए काफी नुकसान देह बनती जा रही है. जिससे किसानों की आर्थिक हालत खराब हो रही है. राजगढ़ की बात की जाए, तो इस साल किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है. कहीं बारिश की मार तो कहीं सूखा पड़ने से फसल बर्बाद हो गई है. कम बारिश होने से पहले सोयाबीन पीले मोजक का शिकार हो गई, और अब अचानक हुई भारी बारिश पक चुकी फसल को बर्बाद कर दिया.
किस्मत को कोस रहा अन्नादाता
प्रदेश सरकार भले ही खेती को लाभ का व्यवसाय बता रही हो, लेकिन यह कितना सार्थक हो रहा है, इसका उदाहरण राजगढ़ जिले में देखने को मिल रहा है. अन्नदाता एक बार फिर प्राकृतिक मार झेलने को मजबूर है. जिले में सैकड़ों हैक्टेयर सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई है. किसान भी अपनी किस्मत को कोस रहा है. पहले कीटो ने और अब बारिश ने कहीं तबाही मचा दी, तो कहीं पानी की एक बूंद भी नहीं पड़ी, जिससे सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई है.
किसानों ने की मुआवजे की मांग
किसानों ने बताया कि हर साल वे सोयाबीन के काफी भरोसे रहते हैं लेकिन उन्हें लगातार हमको नुकसान देखने को मिल रहा है. इस साल भी पकी फसल गीली होने के वजह से सड़ने लगी है, ऐसे में उन्हें उपज तो दूर की बाग अगले साल बोवनी के लिए बीज तक नहीं मिल पाएगा. कुदरत से परेशान किसान ने सरकार से मांग की है कि जल्द उनकी फसल का सर्वे करा के मुआवजा दिया जाए जिससे उन पर जीविका का संकट न आए.