राजगढ़। कहते हैं कि भगवान का दूसरा रूप मां होती है और भारतवर्ष में मां को भगवान का दर्जा दिया जाता है और उसकी पूजा की जाती है लेकिन आज के समय में ऐसी स्थिति बन गई है कि कलयुगी बेटे अपने मां-बाप को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ देते हैं. ऐसा ही एक मामला राजगढ़ जिले के खिलचीपुर थाना क्षेत्र में आया है. यहां रामकुंवर बाइ के पांच बेटे हैं लेकिन फिर भी अपनी वृद्धावस्था में मां दर-दर भटकने के लिए मजबूर हो गई, कोई भी बेटा मां के बुढ़ापे में उसका सहारा बनने के लिए तैयार नहीं है, आखिर उस मां को दो वक्त की रोटी के लिए पुलिस की सहायता लेनी पड़ रही है.
राजगढ़ में 5 बेटों के होते हुए भी दो वक्त की रोटी को मोहताज बुजुर्ग मां - मध्यप्रदेश न्यूज
राजगढ़ जिले के देवाखेड़ी गांव की रामकुंवर बाई अपने पति लक्ष्मण सिंह की मौत के बाद से अकेली रह रही हैं, उनके पांच बेटे हैं लेकिन सभी शादी के बाद अलग हो गए और बुजुर्ग मां को रखने के लिए कोई तैयार नहीं है.अब बुजुर्ग महिला दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज हो गई है लेकिन कोई सुध नहीं ले रहा.
लाचार मां ने खिलचीपुर थाने में पहुंचकर पुलिस से गुहार लगाई है और शिकायत करते हुए उसने आपबीती पुलिस को बताई. जब यह मामला पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा के संज्ञान में आया तो उन्होंने तुरंत निर्देश देते हुए कहा कि जल्द से जल्द इसमें कार्रवाई की जानी चाहिए और उन्होंने उनके पांचों बेटों को समझाइश दिलवाई लेकिन फिर भी उनमें से कोई भी मां को रखने के लिए तैयार नहीं हुआ . जिसके बाद एसपी ने पांचों बेटों पर पर मामला दर्ज करने का आदेश दिया, पुलिस कप्तान के आदेश के बाद ख़िलचीपुर पुलिस ने हिम्मत सिंह, राजेंद्र सिंह और धीरज सिंह, शंकर सिंह और रमेश सिंह के खिलाफ वरिष्ठ नागरिक देखभाल अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.फिलहाल पुलिस ने दो बेटों को अरेस्ट कर लिया है और बाकी के खिलाफ भी कार्रवाई की बात पुलिस कर रही है.