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रियलिटी चेक: राजगढ़ की गौशाला में क्षमता से तीन गुना अधिक हैं गाय, खाने को मजबूर हैं कूड़ा

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Published : Nov 30, 2020, 12:44 PM IST

Updated : Nov 30, 2020, 2:17 PM IST

शिवराज सरकार ने गौधन संरक्षण और संवर्धन के लिए 'गौ कैबिनेट' का गठन किया है, लेकिन क्या गायों की स्थिति में कोई सुधार हुआ है, इसका रियलिटी चेक करने के लिए ईटीवी भारत की टीम पहुंची राजगढ़ जिले के खिलचीपुर तहसील में स्थित श्री कृष्णा गौशाला में. इस गौशाला में गायों की क्या हालत है, देखिए इस रिपोर्ट में.

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राजगढ़ की गौशाला में क्षमता से तीन गुना अधिक गाय

राजगढ़। शिवराज सरकार ने गौधन संरक्षण एवं संवर्धन के लिए 'गौ कैबिनेट' गठित की है, लेकिन प्रदेश की गौशालाओं में गायों की स्थिति में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है. सरकारी दावों का रियलिटी चेक करने के लिए ईटीवी भारत की टीम पहुंची राजगढ़ जिले के खिलचीपुर तहसील में स्थित श्री कृष्णा गौशाला, यहां क्षमता से तीन गुना अधिक गायों को रखा गया है, जिसकी वजह से गायों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. प्रदेश सरकार भले ही गौ- कैबिनेट का गठन कर बड़े- बड़े दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है.

ETV BHARAT का रियलिटी चेक

गौशाला की जमीनी हकीकत

राजगढ़ जिले के खिलचीपुर तहसील में स्थित श्री कृष्णा गौशाला में क्षमता से 3 गुना अधिक गाय हर शाम पहुंच जाती हैं और सुबह होते ही शहर में घूमने के लिए निकल जाती हैं. इसके अलावा जिले के विभिन्न इलाकों में सैकड़ों की तादाद में गाय ना सिर्फ स्टेट हाईवे, बल्कि नेशनल हाईवे पर भी बैठी हुई देखी जा सकती हैं. सरकार चाहे कितने ही दावे करती हो, लेकिन आज भी गायों की स्थिति काफी दयनीय है. आलम ये है कि, गायों को अपना पेट भरने के लिए कूड़ा- कचरा तक खाना पड़ रहा है.

सड़कों पर गायों का जमावड़ा

गायों की स्थिति दयनीय

गौ सेवकों का कहना है कि, जिले में गायों की स्थिति काफी दयनीय है. गौशाला में क्षमता से 3 गुना अधिक गाय रोजाना आकर अपना बसेरा बनाती हैं. हालांकि यहां पर गायों को खाने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध करवाए गए हैं, लेकिन व्यवस्था के अभाव में संसाधनों का भी सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. गौशाला में गायों के बैठने तक की सुविधा नहीं है, जिसके कारण गायों में अनेक तरह की बीमारियां हो जाती हैं. गौशाला में डॉक्टर भी नहीं है, जो इनका इलाज कर सके.

गायों की स्थिति दयनीय

यह भी पढ़ें:- रियलिटी चेक: सुविधाओं के अभाव में कई गायों की हुई मौत, गौशाला की जमीन पर दबंगों का कब्जा

सड़कों पर लावारिस घूमती है गाय

लोगों का कहना है, ग्रामीण अपने गांव की गायों को शहर में छोड़ जाते हैं. तो वहीं ग्रामीणों बताते है कि, जब फसल का मौसम आता है, तब गाय खेतों में घुसकर खेती चौपट कर देती है, जिसके चलते ग्रामीण गायों को जबरन शहरों में स्थित गौशालाओं में छोड़ कर चले जाते हैं. जहां से निकलकर गाय सड़कों पर लावारिस घूमती रहती हैं. हाईवे पर घूमते हुए गाय आए दिन दुर्घटना का शिकार हो जाती हैं. पिछले साल भी सड़क हादसों में कई गायों की मृत्यु हुई थी. इस साल भी गायों की मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है.

Last Updated : Nov 30, 2020, 2:17 PM IST

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