राजगढ़। प्रदेश सरकार भले ही शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लाख दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. राजगढ़ जिला मुख्यालय पर स्थित डयोढ़ी शाला की बिल्डिंग इस कदर जर्जर हो चुकी है कि कभी भी ये बिल्डिंग जमींदोज हो सकती है. लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही से आज भी छात्र इसी जर्जर भवन के नीचे बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर हैं.
डर के साए में पढ़ने को मजबूर छात्र, जर्जर भवन में कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा - School building in shabby position in rajgarh
मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिला मुख्यालय पर स्थित डयोढी शाला की बिल्डिंग इतनी जर्जर हो चुकी है कि वहां पर बच्चों के साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
![डर के साए में पढ़ने को मजबूर छात्र, जर्जर भवन में कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-3804793-thumbnail-3x2-rjg.jpg)
हैरानी की बात ये है कि पिछले साल भी इस जर्जर भवन में बड़ा हादसा हो चुका है. उस हादसे में प्रिंसिपल बाल-बाल बचे थे, लेकिन इन सबके बावजूद छात्र इसी जर्जर भवन में तालीम ले रहे हैं, जबकि बारिश के मौसम में ये खतरा और भी बढ़ जाता है. वहीं प्रिंसिपल साहब का कहना है कि हादसा जब भी हुआ है, छुट्टियों में हुआ है, बच्चों को कुछ नहीं हुआ. अब इनकी बात सुनकर तो ऐसा लग रहा है कि प्रिंसिपल साहब बच्चों के साथ किसी बड़ी दुर्घटना होने का इंतजार कर रहे हैं.
जर्जर भवन की तस्वीर सामने है, पिछले साल भी हादसे भी हो चुके हैं, बच्चे मौत के साए में पढ़ने को मजबूर हैं, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी को मासूमों पर मंडरा रहा खतरा दिख नहीं दे रहा है,कहीं - कहीं जर्जर भवन, कहीं बदहाल रसोईघर, तो कहीं मौत का सामना करते मासूम, आखिर ऐसी परिस्थितियों से कैसे पढ़ेगा इंडिया और जब पढ़ेगा नहीं, तो कैसे बढ़ेगा इंडिया.