राजगढ़। सारंगपुर (SC) विधानसभा सीट एमपी के 163 नंबर की एक सीट है. ये राजगढ़ लोकसभा सीट का हिस्सा है और भोपाल के करीब आती है. 2018 के चुनाव में यहां से बीजेपी के 58 साल के कुंवरजी कोठार जीते थे. बीते चुनाव में कुल 1,51,248 वोट डाले गए थे और उसमें से बीजेपी के कुंवरजी कोठार को 75,005 वोट मिले. वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार कला महेश मालवीय को 70,624 वोट मिले और वे 4381 वोटों से चुनाव हार गईं. इसी सीट पर ऐसा 9 बार हुआ, जब बीजेपी जीत गई. इस बार कुंवरजी कोठार का ही नाम सबसे आगे है, लेकिन स्थानीय स्तर पर इनका विरोध भी है और संघ की पसंद भी नहीं बताएं जा रहे हैं. कारण है कि इस क्षेत्र में स्वास्थ्य समस्याएं चरम पर हैं.
एकमात्र सिविल हॉस्पिटल पर निर्भर सारंगपुर: हाल यह है कि पूरे विधानसभा की जनता एकमात्र सिविल हॉस्पिटल पर निर्भर है. कॉलेज भी एकमात्र है और टीचर व डॉक्टर प्रभार पर काम कर रहे हैं. अब सवाल यह है कि आखिर बीजेपी इतनी समस्याओं और विरोध के बाद भी जीत क्यों रही है? तो इसके दो बड़े कारण सामने आए हैं. इस विधानसभा में सारंगपुर के अलावा पचोर क्षेत्र आता है, जहां संघ की सक्रियता बहुत अधिक है. वहीं बीजेपी संगठन भी बेहद मजबूत है, क्योंकि रिजर्व सीट होने की वजह से संगठन के पदाधिकारियों के हिसाब से ही काम होता है. जब भी चुनाव होते हैं तो हिंदुत्व लहर काम करती है.
सारंगपुर विधानसभा का राजनीतिक इतिहास:सांगरपुर विधानसभा में पहली बार चुनाव वर्ष 1962 में हुए. यहां पहली बार कांग्रेस ने भंवर लाल को टिकट दिया. इनके सामने कई प्रत्याशी थे, लेकिन असली चुनौती जनसंघ से थी. जनसंघ ने गंगाराम जाटव को टिकट दिया और उनके प्रत्याशी ने कांग्रेस के प्रत्याशी भंवर लाल को 2141 वोटों से हरा दिया. वर्ष 1967 के चुनाव में भी पहली बार का इतिहास दोहराया गया. जनसंघ ने दोबारा गंगाराम जाटव को टिकट दिया और कांग्रेस ने भंवर लाल की जगह बी. जाधव को टिकट दिया. इस बार भी जनसंघ के जाटव ने बाजी मारी और उन्होंने कांग्रेस के जाधव को 3561 वोट से हरा दिया. 1972 में कांग्रेस ने सज्जन सिंह विश्नार को उम्मीदवार बनाया और वे जीतकर विधायक बने. उन्होंने भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार अमर सिंह को कुल 1253 वोटों से हराया. 1977 में सारंगपुर विधान सभा से कांग्रेस ने सज्जन सिंह के स्थान पर हजारी शिवजी को टिकट दिया, लेकिन वे हार गए. उन्हें हराया एक निर्दलीय उम्मीदवार अमरसिंह मोतीलाल ने, अमर सिंह ने यह चुनाव 5365 वोटों से जीता.