मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

Mp Seat Scan Narsinghgarh: नरसिंहगढ़ सीट पर सामान्य वर्ग हावी, अब तक ब्राह्मण, बनिया और क्षत्रिय वर्ग से बने विधायक - एमपी सीट स्कैन नरसिंहगढ़

एमपी के राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधानसभा की बात करते ही जेहन में राजा वर्सेस संघ उभर आता है, क्योंकि इस सीट की तासीर यही है. तीन चुनाव पहले ही यह अस्तित्व में आई है. यहां सामान्य वर्ग हावी है, जबकि पिछड़ों की संख्या काफी है. ईटीवी भारत ने जब इस सीट का स्कैन किया तो कई रोचक बातें निकलकर सामने आई.

Mp Seat Scan Narsinghgarh
एमपी सीट स्कैन नरसिंहगढ़

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 13, 2023, 3:51 PM IST

राजगढ़। पहले ब्राह्मण, फिर बनिया और अभी क्षत्रिय समाज के विधायक, बस इतना ही इतिहास है इस सीट का, क्योंकि 2008 में हुए परसीमन के बाद अस्तित्व में आई इस सीट पर सामान्य वर्ग का वर्चस्व कायम है. फर्क है तो सिर्फ इतना कि दो बार भारतीय जनता पार्टी ने और एक बार कांग्रेस ने यह सीट जीती. पहली बार यानी वर्ष 2008 में हिंदु राजनीति और शिवसेना से भाजपा में आए मोहन शर्मा ने चुनाव लड़ा. सामने थे कांग्रेस के उम्मीदवार गिरीश भंडारी. तब 158780 मतदाताओं में से 122889 ने वोटिंग करी और इसमें से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मोहन शर्मा को कुल 56147 वोट मिले. जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार गिरीश भंडारी को 52984 वोट मिले और वे महज 3163 वोटों से हार गए.

नरसिंहगढ़ के मतदाता

2013 में कांग्रेस तो 18 में जीती बीजेपी:अब दूसरे चुनाव की बात करें तो 2013 में एक बाद फिर नरसिंहगढ़ विधानसभा से भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने पुराने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा, लेकिन सिटिंग एमएलए होने के बाद भी कांग्रेस के गिरीश भंडारी को 85847 वोट मिले, जबकि मोहन शर्मा को 62829 वोट ही प्राप्त हुए. उन्हें 23018 वोट से करारी हार का सामना करना पड़ा. यह बता दें कि इस बार मतदाताओं की संख्या बढ़कर 195145 हो गई थी. जिसमें से 156463 ने वोटिंग की. भाजपा ने 2013 की हार से सबक लेते हुए 2018 में अपना चेहरा बदल दिया और मोहन शर्मा की बजाय राज्यवर्धन सिंह को टिकट दिया. जबकि कांग्रेस ने एक बार फिर गिरीश भंडारी पर भरोसा किया, लेकिन भाजपा की रणनीति काम आई. इस बार 171897 वोट पड़े. इसमें से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राज्यवर्धन सिंह को कुल 85335 वोट मिले और विधायक निर्वाचित हुए. जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार गिरीश भंडारी 75801 वोट से संतुष्ट होना पड़ा और उन्हें 9534 वोटों से हार का सामना करना पड़ा.

नरसिंहगढ़ का रिपोर्ट कार्ड

कुछ और सीट स्कैन यहां पढ़ें...

साल 2018 का रिजल्ट

इस बार पिछड़े वर्ग से वोट दे सकती है कांग्रेस: नरसिंहगढ़ विधानसभा मूल रूप से किसानों का गढ़ माना जाता है. यहां का मौसम एकदम अलग है. मूल समस्या बेरोजगारी है, इसके बाद भी भाजपा की हिंदुत्व लहर भारी पड़ जाती है, लेकिन इस बार मामला बदला हुआ है. कांग्रेस पिछड़े वर्ग के व्यक्ति पर दांव खेल सकती है, क्योंकि ब्यावरा में पिछड़ा लगातार जीत रहा है. नरसिंहगढ़ विधानसभा में जातीय समीकरण की बात करें तो यहां ब्राह्मण, क्षत्रिय और बनिया से कहीं अधिक पिछड़े वर्ग की जातियां है. इनमें मीणा, गुर्जर, खाती, दांगी और चौरसिया समाज अच्छी खासा संख्या में है. कांग्रेस की तरफ से गिरीश भंडारी के अलावा मीणा समाज के प्रेमकिशोर मीणा का नाम भी मजबूती से उभरकर आ रहा है. जबकि भाजपा से अभी राज्यवर्धन सिंह का नाम ही सामने आया है. नरसिंहगढ़ में हाइवे बनने से अब यहां विकास हो रहा है तो लोग कहीं न कहीं भाजपा के पक्ष में दिखाई देते हैं. इसके अलावा राज्यवर्धन का राजपरिवार वाला दखल भी है. वे नरसिंहगढ़ सियासत के राजा हैं. महल जर्जर हो गया, लेकिन इनकी रियासत का असर लोगों पर है. इसलिए राज्यवर्धन के खिलाफ जयवर्धन ने मोर्चा संभाला है. राज्यवर्धन सिंह पहले कांग्रेस में थे, लेकिन दिग्विजय सिंह से मनमुटाव के कारण उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी. राज्यवर्धन के अलावा राजगढ़ सासंद रोड़मल नागर भी दावेदारी कर रहे हैं. वहीं 2003 में चुनाव जीतने वाले मोहन शर्मा भी कतार में है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details