मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

आकाशीय बिजली गिरने से हर साल होती हैं हजारों मौत, मौसम वैज्ञानिक ने बताए बचने के उपाय

भारत में हर साल बारिश के मौसम में बिजली गिरने से हजारों लोगों की मौत हो जाती है. जिससे लोगों को बचाने के लिए भारत सरकार जागरुकता अभियान चला रही है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत ने राजगढ़ जिले के मौसम वैज्ञानिक से बात की और जाना कि आकाशीय बिजली गिरने के दौरान क्या सावधानी बरतनी चाहिए.

meteorologist-explained-how-celestial-lightning-can-be-avoided-in-rajgarh
आकाशीय बिजली

By

Published : Jul 6, 2020, 6:05 PM IST

Updated : Jul 6, 2020, 6:57 PM IST

राजगढ़।भारत में हर साल बारिश के मौसम में आकाशीय बिजली गिरने से हजारों लोगों की मौत हो जाती है. कुछ दिनों पहले ही बिहार में कई किसानों ने आकाशीय बिजली गिरने से अपनी जान गवा दी है. भारत सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि आकाशीय बिजली गिरने से पहले ही लोगों को सचेत किया जा सके. वहीं सरकार लगातार जागरुकता अभियान भी चला रही है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत ने मौसम वैज्ञानिक से बात की और उनसे जाना की किस प्रकार आकाशीय बिजली गिरने के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए.

आकाशीय बिजली

आकाशीय बिजली गिरने की संभावना के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसे लेकर मौसम वैज्ञानिक मान सिंह ने जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि बिजली गिरने से ना सिर्फ जन की हानि होती है बल्कि पशुधन की भी हानि होती है. बिजली गिरने की वर्तमान घटनाओं में देखा गया है कि बिहार में कई लोग इससे अपनी जान गवा चुके हैं. वहीं बिजली की पूर्वानुमान लगाना काफी कठिनाई भरा काम होता है, लेकिन अगर मौसम लगातार खराब हो रहा हो तो इस दौरान हम कुछ सावधानियां बरतते हुए बिजली गिरने से बच सकते हैं.

आकाशीय बिजली से बचने की विशेष सावधानियां

  • किसानों को अगर ऐसा लगता है कि लगातार मौसम में बदलाव हो रहा हो, तेज हवाएं चल रही हो, मौसम लगातार परिवर्तित हो रहा हो और उसे पूर्वानुमान हो रहा है कि हो सकता है कि यहां पर बिजली गिर सकती है तो वह तुरंत किसी ऐसे स्थान पर चले जाए जो पक्का बना हुआ हो.
  • मौसम में हो परिवर्तन को देखते हुए और लगातार बादलों के गरजने पर किसी बड़े पेड़ के नीचे खड़े होने से बचना चाहिए.
  • अगर कोई व्यक्ति किसी खेत खलियान में है और आसपास कोई ऐसा स्थान नहीं है जो पक्का बना हुआ है तो वह तुरंत अपने पैरों को जोड़कर जमीन पर बैठ जाए.
  • बिजली गिरने के दौरान या मौसम बिगड़ने के दौरान जमीन पर कभी भी सीधा नहीं लेटना चाहिए, बल्कि पैरों को जोड़कर जमीन पर बैठना चाहिए.
  • ध्यान रखें कि आपको पक्के मकान का सहारा लेना है. अगर आपके आसपास कोई ऐसी खंडहर भवन है जिस पर बिजली गिरने के दौरान कोई दूसरा हादसा हो सकता है तो उसके अंदर बिलकुल ना जाए.
  • जब मौसम में परिवर्तन हो और बिजली गिरने की संभावना लगे तो तुरंत अपने इलेक्ट्रिक उपकरण जैसे फ्रीज, टीवी, पंखे और अन्य ऐसे सामान जो विद्युत से संचालित होते हैं उनका उपयोग बिल्कुल ना करें और उनको तत्काल बंद कर देना चाहिए.
  • अगर आप किसी चार पहिया वाहन (जैसे कार, बस) से सफर कर रहे हैं तो आप उस वाहन में बैठे रहे और बिल्कुल भी वाहन को छोड़कर बाहर ना निकले.
  • इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि अगर आसपास बिजली गिर सकती है तो इस दौरान आप किसी भी बिजली के खंभे, टेलीफोन के खंभे या फिर किसी भी खंबे के नजदीक ना खड़े हो.
  • किसी पर वज्रपात होता है तो तुरंत उसे प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल लेकर जाए.

कुछ आंकड़े

भारत में हर साल हजारों लोगों की मौत आकाशीय बिजली या वज्रपात की वजह से होती है. एक रिसर्च के अनुसार, 2001 से 2014 के बीच देश में हर साल खराब मौसम की वजह से होने वाली मौत में से 40 प्रतिशत का कारण आकाशीय बिजली था. 2005 से हर साल बिजली गिरने से दो हजार से अधिक लोग मारे गए हैं.

2018 में प्राकृतिक आपदाओं के कारण 6 हजार 891 लोगों की आकस्मिक मौत हुई है. जिनमें से 2 हजार 357 से ज्यादा लोगों की मौत वज्रपात से हुई है. ये आकंड़ा बाढ़ (500), भूस्खलन (404), ठंड (757) और गर्मी (890) में मारे गए लोगों के करीब है. ऐसे में आकाशीय बिजली को भारत की सबसे बड़ी आपदा कहा जा सकता है.

क्या है नीति

भारत की आधिकारिक आपदा राहत नीति के अंतर्गत इसे प्राकृतिक आपदा नहीं माना गया है. जिसके चलते इसके पीड़ित या परिवारजनों को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से वित्तीय मुआवजे नहीं मिलते. हालांकि कुछ राज्य सरकारों ने वज्रपात को आपदा के तौर पर लिया है, ताकि पीड़ितों के परिवार को मुआवजा राशि मिल सके. ऐसा केंद्र द्वारा राज्य सरकारों को अपने आपदा राहत कोष का 10 प्रतिशत राज्य-विशिष्ट आपदाओं के लिए आबंटित करने का निर्देश देने बाद हुआ है.

दामिनी एप से मिलेगा अलर्ट

भारत सरकार लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार कई तरह के प्रयास कर रही है. वहीं भारत सरकार की आईआईटीएम पुणे ने एक दामिनी एप लांच किया है, जिसे डाउनलोड कर सकते है. इस एप के जरिए 40 वर्ग किलोमीटर के दायरे में अगर कहीं भी बिजली गिरने की संभावना होती है, तो ये आपको 35 से 40 मिनट पहले अलर्ट कर देता है. इस एप के जरिए दिए गए अलर्ट के बाद आकाशीय बिजली से बचाव के उपायों को ध्यान में रखकर आप खुद को सुरक्षित कर सकते है.

Last Updated : Jul 6, 2020, 6:57 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details