राजगढ़। मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ तहसील में 'बड़े महादेव'और 'बैजनाथ महादेव'के नाम से प्रसिद्ध भगवान शिव का मंदिर है. जिसका इतिहास एक हजार साल से ज्यादा का पुराना है. कहा जाता है कि इसकी स्थापना यहां पर रहने वाले सहारिया जनजाति के द्वारा की गई थी. जिनको टोपलिया महादेव के नाम से जाना जाता है. इसके बाद इनकी दोबारा नई स्थापना नरसिंहगढ़ के महाराज मेहताब सिंह द्वारा 17वीं शताब्दी में की गई.
बड़ा महादेव मंदिर के पीछे की कहानी
महादेव मंदिर का इतिहास इतिहासकार श्याम सुंदर उपाध्याय बताते है कि नरसिंहगढ़ के बड़े महादेव की पहाड़ी के पीछे के क्षेत्र में कोटा रियासत थी. जिसमें लगभग एक लाख जनसंख्या निवास करती थी. वहीं पर बड़े महादेव की पहाड़ियों में सहारिया झील जनजाति रहा करती थी. जो बांस की टोकरी बनाकर पहाड़ी के पीछे लगने वाले बाजार में बेचा करती थी. उन्हीं के द्वारा मंदिर की स्थापाना की गई जो टोपलिया महादेव के नाम से प्रसिद्ध हुआ.