राजगढ़।मध्यप्रदेश और राजस्थान के कई जिलों में नतारा और झगड़ा जैसे कुप्रथाएं के चलते कई महिलाओं की जिंदगी तबाह हो चुकी है. लेकिन अब राजगढ़ जिला प्रशासन ने नए साल में नई शुरुआत की है, जिसमें आने वाले साल में लगातार दो माह तक इसके खिलाफ अभियान चलाया जाएगा और इससे पीड़ित महिलाओं को राहत दी जाएगी. इसके लिए प्रशासन ने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है.
नातरा झगड़ा प्रथा से महिलाओं को मिलेगी राहत इस बारे में जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रसेना भिड़े ने बताया कि कलेक्टर निधि निवेदिता ने जिले में नातरा झगड़ा प्रथा को जड़ से समाप्त करने का संकल्प लिया है. उन्होंने जिले के नागरिकों से अपील की है कि वह नातरा झगड़ा जैसी कुप्रथा को समाप्त करने में हमारा सहयोग करें और जो व्यक्ति इसमें सम्मिलित होते हैं या कोई किसी लड़की को परेशान करता है तो इसकी सूचना हेल्पलाइन नम्बर 8319701835 पर जरूर दें. जानकारी देने वाले की सूचना गुप्त रखी जाएगी.
कब से कब तक चलेगा अभियान
नातरा झगडा उन्मूलन अभियान 02 माह तक निरन्तर चलेगा. इस अभियान की शुरुआत जिला प्रभारी मंत्री जनवरी माह में करेंगे और इसका समापन 08 मार्च 2020 को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर होगा.
मदद के लिए क्या करना होगा
- पीड़ितों को ज्यादा से ज्यादा मदद प्राप्त हो सके और वह किसी भी तरह की परेशानी की शिकायत कर सकें इस के लिए हेल्पलाइन नम्बर 8319701835 जारी किया जा चुका हैं.
- प्रभावित लड़की, व्यक्ति अथवा कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति फोटो, व्हीडियों, चिटठी या सूचना किसी भी माध्यम से प्रशासन को दे सकता हैं.
- जिले में एक एक्शन फोर्स बनाई जाएगी, जिसमें मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता रहेंगे.
कैसे होगी महिलाओं की मदद
- इसके खात्मे के लिए पीड़ित लड़की और परिजनों को पूर्व संरक्षण देते हुए आरोपियों पर सख्त कार्यवाही होगी.
- जागरूकता गतिविधियों चला कर लोगो को इस कुप्रथा के सम्बन्ध में जागरूक किया जाएगा.
- पीड़ित लड़कियों को एक हॉस्टल में आश्रय दिया जाएगा साथ ही उन्हें स्वरोजगार और शिक्षा गतिविधियों से जोड़कर आत्म निर्भर बनाया जाएगा.
- जिन लड़कियों की जो शादियां स्वेच्छा से हुई है उनका रजिस्ट्रेशन विवाह अधिनियम के तहत कराया जाएगा.
- कुप्रथा से जुड़े दलालों रसूददारों पंचायत करने वालों झगड़ा करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी.
बता दें इस कुप्रथा के विरोध में कई बार जिले में महिलाएं प्रशासनिक अधिकारियों, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से लेकर मुख्यमंत्री तक इस की शिकायत कर चुकी हैं. हालांकि जिला प्रशासन पहले कार्रवाई करता रहा है, लेकिन अब इस तरह के अभियान से जिले की महिलाओं को जल्द राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही हैं.