राजगढ़। देसी नस्ल के पशुओं के लेकर किसान धीरे-धीरे उदासीन होते जा रहे हैं. यही कारण है कि देसी पशुओं की मांग में धीरे-धीरे कमी देखी जा रही है. जिसके चलते किसान देसी पशुओं को बेच रहा है या आवारा घूमने के लिए छोड़ रहे हैं. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार गोपालवंश प्रतियोगिता का आयोजन कर रही है. इस प्रतियोगिता का उद्देश्य उन पशुओं को प्रोत्साहित करना है जो देसी नस्ल की हैं.
देसी नस्ल के पशुओं के प्रोत्साहन के लिए गोपालवंश प्रतियोगिता पुरस्कार के जरिए प्रोत्साहन
पशु चिकित्सालय के उपसंचालक डॉ. ओपी गौर ने बताया कि पशु चिकित्सालय विकासखण्ड स्तर पर गोपालवंश पुरस्कार प्रतियोगिता आयोजित कर रहे हैं. इसके तहत तीन दिन के औसत के हिसाब जो गाय या भैंस दूध के मामले में पहले स्थान पर आएगी. उस गाय या भैंस को पुरस्कार दिया जाएगा. उपसंचालक डॉ. ओपी गौर ने बताया कि पहले स्थान पर आने वाले को 10 हजार रुपये, दूसरे को साढ़े 7 हजार रुपये और तीसरे स्थान पर आने वाले को ढाई हजार रुपये दिए जाएंगे.
लोग भी रहेंगे स्वस्थ
बता दें कि दूध देने की क्षमता के अनुसार इस प्रतियोगिता में मापदंड रखा गया है. इसके साथ ही इस प्रतियोगिता का उद्देश्य जिले में देसी नस्ल की गायों और भैंसों को प्रोत्साहन देना और लोगों तक शुद्ध गाय और भैंसों का दूध पहुंचाना है.